स्कूल में मोबाइल चोरी की ट्रेनिंग, प्रैक्टिकल का भी इंतजाम, साहिबगंज में हुआ चौकाने वाला खुलासा
साहिबगंज । झारखंड के साहिबगंज में बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया जहां कुछ बच्चों को मोबाइल फोन चोरी की ट्रेनिंग दी जा रही थी। पूरा मामला राजमहल और तिनपहाड़ कस्बों का है। यहां बच्चों को एकजुट करके फोन चोरी का तरीका सिखाया जाता। साहिबगंज के तीन पहाड़ में बच्चों को मोबाइल चोरी करने की ट्रेनिंग देने के लिए शातिरों ने बकायदा ट्रेनिंग सेंटर या स्कूल बना रखा है। नाबालिगों को ट्रेनिंग के बाद साहिबगंज से वनांचल एक्सप्रेस ट्रेन के जरिए रांची लाया जाता है। रांची समेत देश भर में इन बच्चों को ले जाकर चोरी की ट्रेनिंग का प्रैक्टिकल यानि व्यावहारिक पक्ष परखा जाता है।
गैंग के सरगना उन्हें तय इलाकों में भेजा जाता था। यही नहीं उनके काम की निगरानी भी की जाती थी। रांची पुलिस ने हाल ही में मोबाइल फोन चोर गिरोह के चार नाबालिग सदस्यों को पकड़ा। इन्हीं से पूछताछ में बड़ा खुलासा सामने आया। मोबाइल चोरी में शामिल बच्चे अपने माता-पिता की सहमति से यह काम करते हैं। ज्यादातर बच्चे गरीब आर्थिक स्थिति वाले परिवारों से आते हैं। वे ज्यादातर साहिबगंज जिले के तिनपहाड़, तालझरी और महाराजपुर से हैं। इनके अलावा पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिले के बरनपुर, हीरापुर, आसनसोल से हैं।
पकड़े गए बच्चों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने तिनपहाड़ और राजमहल में मोबाइल चोरी की ट्रेनिंग ली थी। उनके लीडर सूरज, चंदन और अन्य ने उन्हें मोबाइल फोन चोरी करने के तरीके सिखाए। ट्रेनिंग के बाद इन्हें रांची लाया गया। उनके अनुसार. सब्जी और डेली बाजार में मोबाइल चोरी करने के लिए सबसे अच्छी जगह हैं। यहां काम को पूरा करने के बाद उनके लिए वहां से गायब होना आसान होता है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक चोरी के मोबाइल बांग्लादेश और नेपाल पहुंचाए जाते हैं। एक साल में अकेले रांची में ऐसे गिरोह के 30 से ज्यादा नाबालिग सदस्यों को पकड़ा गया है।
पुलिस ने पकड़े गए चार नाबालिग सदस्यों के कब्जे से चोरी के 43 मोबाइल फोन भी बरामद किए थे। इस गैंग में 17 वर्षीय एक सदस्य ने पुलिस बताया कि उसे 2020 में मोबाइल चोरी के आरोप में पकड़ा गया था। फिर चार महीने तक बिहार के बक्सर जिले में रिमांड होम में रखा गया था। गिरोह का एक और सदस्य जो महज 11 साल का था, उसने भी बड़ा खुलासा किया। उसने बताया कि वह पिछले दिनों एक मोबाइल चोरी के मामले में शामिल था और उसे 11 दिनों के लिए बिहार के भागलपुर में एक किशोर गृह में रखा गया था।