मौत के बाद भी मां है जिंदा : बेटे के प्यार ने मां को बनाया सजी, रोज करते हैं बेटे-बहू पूजा
कटनी। मां अनमोल होती है। मां से जुड़ी यादें कभी मिटती नहीं, वो बच्चे खुशकिस्मत वाले होते हैं, जिन्हे मां का दुलार नसीब होता है। वरना आज भी हर साल लाखों ऐसे होते हैं, जिनके सर से मां का साया उठ जाता है। लेकिन कटनी में एक बेटे ने दिवंगत को हमेशा के लिए सजीव कर दिया। वैश्विक महामारी के दौर में अचानक अपनी मां को खोने वाला बेटा बिहवल हो गया। इतना ही नहीं वह डिप्रेशन में चला गया। मां के बिना हर पल अधूरा हो गया।
मां की यादें जीवंत रहें इसके लिए बेटे ने अनूठी पहल की। घर के मंदिर में जहां पर भगवान विराजे हैं, ठीक उनके बाजू में मां की सिलिकॉन की मूर्ति बनाकर रखी है, जिसकी न सिर्फ पूजा-अराधना कर रहे हैं बल्कि ऐसा एहसास बनाए रखते हैं कि मानों मां दुनिया छोड़कर नहीं गई बल्कि घर पर उनके साथ हैं। हम बात कर रहे हैं आचार्य विनोवा भावे वार्ड राहुल बाग निवासी अभिषेक सोनी की। जिन्होंने मां को खोने के बाद आज भी जीवंत रखे हुए हैं।
ऐसा ही हुआ कटनी में जहां एक बेटे ने अपनी मां की सिलिकॉन की मूर्ती बनवा डाली. कटनी में मां और बेटे के प्रेम की अनूठी दास्तान सामने आई है. यहां एक बेटे ने अपनी मां के दुनिया छोड़ जाने पर अनूठी मिसाल पेश की है. घर के मंदिर में जहां भगवान विराजे हैं. उनके बगल में बेटे ने मां की सिलिकॉन की मूर्ति रखी है और पूरा परिवार उनकी पूजा करता है. परिवार के सभी लोग मिलकर ऐसा महौल बना देते हैं जैसे जैसे उनकी मां दुनिया छोड़कर नहीं गई बल्कि घर पर उनके साथ हैं. लोग समय समय पर उनके साथ सेल्फी लेते हैं. तीज त्यौहार भी मनाते हैं.
कटनी के आचार्य विनोवा भावे वार्ड राहुल बाग में रहने वाले सोनी परिवार में दो मई 2021 का दिन उनके यहां काल बनकर आया. कोविड के कारण सावित्री सोनी पति सुरेश कुमार सोनी के प्राण पखेरू उड़ गए. घर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. मां के निधन के बाद तीनों बेटे डॉ. गगन सोनी, आशीष सोनी, अभिषेक सोनी व बेटी रश्मि सोनी का हाल बेहाल हो गया. कई दिनों तक सभी गहरे सदमे में रहे. कुछ लोग तो दुख से उबर गए, लेकिन छोटा बेटा अभिषेक सोनी अपनी मां को खोने के बाद सुध-बुध खो बैठा और बिना मां के वह डिप्रेशन में चला गया.
यह सबको मालूम था कि होनी को कोई नहीं टाल सकता, लेकिन मां उनकी आंखों से ओझल न हों, इसके लिए छोटे बेटे ने अनूठी पहल की. अभिषेक सोनी ने बताया कि मैं हमेशा मां की ही याद में खोया रहता था, क्योंकि मां के प्रति मेरा अटूट प्रेम था. लगता था शायद मां कहीं से अवाज दे रही हैं. कहीं न कहीं दिख जाएगीं. ऐसा सोच-सोचकर डिप्रेशन में जाने लगा. एक रोज सोशल मीडिया में देखा तो पाया कि बैंगलोर में एक कलाकार श्रीधर मूर्ति हू-ब-हू लोगों के स्टैच्यू बना देते हैं.
उनसे संपर्क किया तो उन्होंने मां की स्टैच्यु बनाने से मना कर दिया. लेकिन मैं कई बार आग्रह करता रहा. फिर उन्होंने एक साल का समय लिया. छह माह पहले मां की मां की सिलिकॉन का स्ट्रैच्यु बनाकर दिया. उन्होंने बताया कि जब एकदम से मां के सिलिकॉन का स्टैच्यु घर पहुंचा तो पिता सुरेश कुमार सोनी सहित सभी भाई व परिवार के अन्य सदस्य भौचक रह गए. पिता की आंखों में आंसू आ गए थे. सिलीकॉन का स्टैच्यु भी ऐसा बना है मानो मां जीवंत हो.