महिला सिपाही का खून, आशिक हेड कांस्टेबल अरेस्ट: महबूबा, मर्डर और कॉलगर्ल, हैरान कर देगी मर्डर की ये कहानी, मरने के बाद भी दो साल कैसे रखा जिंदा

नयी दिल्ली। महिला सिपाही की हत्या के आरोप में हेड कॉन्स्टेबल को गिरफ्तार किया गया है। वारदात के दो साल बाद पुलिस ने हेड कांस्टेबल को गिरफ्तार किया है। दरअसल, महिला सिपाही आरोपी पर शादी का दबाव बना रही थी, इसी को लेकर आरोपी ने उसे रास्ते से हटाने की साजिश रची और हत्या कर दी। जानकारी के अनुसार, यह घटना साल 2021 का है।

पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर महिला सिपाही का कंकाल बरामद किया है। पुलिस का कहना है कि महिला सिपाही और आरोपी हेड कॉन्स्टेबल के बीच प्यार था। महिला सिपाही हेड कॉन्स्टेबल पर शादी का दबाव बना रही थी, जबकि आरोपी हेड कॉन्स्टेबल पहले से शादीशुदा था। इसी बात को लेकर आरोपी ने महिला सिपाही से पीछा छुड़ाने का प्लान बनाया।

आरोपी हेड कॉन्स्टेबल का नाम सुरेंद्र है। सुरेंद्र शादीशुदा था और पत्नी के साथ दिल्ली के अलीपुर में रहता था, जबकि महिला सिपाही बुलंदशहर की रहने वाली थी, लेकिन सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहती थी. यहीं से उसका सिलेक्शन दिल्ली पुलिस में हुआ था। दोनों में काफी नजदीकी भी रही। इसके बाद महिला सिपाही उसी सुरेंद्र से शादी करने की बात कहने लगी. लेकिन सुरेंद्र जो पहले खुद को कुंवारा बताता था असल में वो शादीशुदा था।

दो साल तक प्यार और शादी तक पहुंचने के बाद भी सुरेंद्र ने अपना राज छुपाए रखा। इस बीच एक दिन अचानक महिला सिपाही ने सरप्राइज देने का प्लान बनाया। वो सुरेंद्र के अलीपुर वाले घर के पास पहुंच गई और उसे फोन किया। य़े जानकर सुरेंद्र हड़बड़ा गया। किसी तरह जल्दबाजी में गाड़ी लेकर महिला सिपाही के पास पहुंचा। उस महिला सिपाही ने उससे अपने घर ले जाने के लिए कहा। इस पर वो बार-बार बहाने बनाते रहा और अपनी कार को यमुना किनारे घुमाने के बहाने ले आया।

वहां जाने के बाद रास्ते में ही हेड कॉन्स्टेबल सुरेंद्र ने महिला सिपाही की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद उसकी लाश को एक नाले के किनारे दफना दिया. अपनी प्रेमिका की हत्या के बाद उसके बैग और फोन को अपने पास रख लिया। राज छुपाने केलिए हेड कांस्टेबल ने अजीब साजिश रची। वो महिला सिपाही के आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्रों की अलग-अलग कॉपी निकालकर अपने पास रख लिया।

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इसके बाद उसी के जैसी दिखने वाली एक कॉल गर्ल का पता लगाया. फिर उसी कॉल गर्ल के साथ उत्तराखंड के देहरादून, ऋषिकेश और फिर मसूरी के होटलों में रुकने जाता था. उस दौरान कॉल गर्ल के असली नाम और डॉक्युमेंट की जगह उसी मर चुकी महिला सिपाही के डॉक्युमेंट दे देता था। फिर कई बार वो अपने डॉक्युमेंट उसी होटल में जानबूझ कर कहीं गिरा देता था और फिर महिला सिपाही के फोन से ही होटल में कॉल करता था। जिसे ट्रेस कर अगर दिल्ली पुलिस वहां पहुंचती थी तो होटल वाले कहते थे कि हां होटल में वो लड़की आई थी. इस तरह पुलिस के साथ महिला सिपाही का परिवार भी गुमराह हो जाता था।

सुरेंद्र को लगा ये कहानी ज्यादा दिन और नहीं चलेगा, तो उसने नयी साजिश रची। उसने ये कहानी बनायी, कि महिला सिपाही का अफेयर किसी और से था और वो उसके साथ फरार हो गयी है। हेड कांस्टेबल सुरेंद्र ने इसे लेकर अपने साले का इस्तेमाल किया और और इसके बाद वो देश के अलग-अलग शहर में जाकर कहता था कि महिला सिपाही उसके साथ है और वो अपने परिवार में किसी से बात नहीं करना चाहती है, वो उसकी तलाश नहीं करें। जिसके बाद पुलिस सुरेंद्र के साले तक पहुंच गई। पुलिस पूछताछ में मामले का राज खुला, तो वो वो भी दंग रह गयी। हेड कॉन्स्टेबल सुरेंद्र और उसके साले दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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