लातेहार में 28 मार्च तक नक्सली रिमांड पर, नवंबर 2019 पुलिस पदाधिकारियों की हत्या मामले में जारी है पूछताछ

रांची झारखंड में लातेहार के चंदवा थाना क्षेत्र में लुकैया मोड़ पर 22 नवंबर 2019 की रात पुलिस गश्ती दल पर हमला कर एक एएसआइ व गृह रक्षा वाहिनी के तीन जवानों की हत्या करने और हथियार लूटकर भागने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने दो नक्सलियों को रिमांड पर लिया है।

इसमें बिहार के औरंगाबाद जिले के कदिबरा थाना क्षेत्र के भूपनगर का रहने वाला अमन गंझू उर्फ अमन भोक्ता उर्फ अनिल गंझू उर्फ अमर गंझू व झारखंड के लोहरदगा जिले के पेशरार थाना क्षेत्र के पुतरार निवासी जतरू खेरवार उर्फ जतरू शामिल है।

एनआइए के अधिकारी दोनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ कर रहे हैं। इनसे मंगलवार 28 मार्च तक पूछताछ होगी। इसके बाद जेल भेज दिया जाएगा। अमन गंझू ने गत 28 दिसंबर 2022 को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था।

वह माओवादियों का रीजनल कमेटी सदस्य था। सरकार ने उसपर 15 लाख का इनाम रखा था। एनआइए ने भी उसपर चार लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। एनआइए दोनों से उनके साथियों व साजिशकर्ताओं के साथ-साथ हथियार व विस्फोटक उपलब्ध कराने वालों के बारे में जानकारी ले रही है।

एनआइए की पहली पूरक चार्जशीट में इस बात का खुलासा हो चुका है कि माओवादियों के एक करोड़ के इनामी सेंट्रल कमेटी सदस्य सह बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी सचिव अनल दा उर्फ रमेश उर्फ पतिराम मांझी ने पुलिस पार्टी पर हमले की

योजना बनाई थी। हमले के एक सप्ताह पहले योजना को बीयरजंघा जंगल में अंतिम रूप दिया गया था। हमले का नेतृत्व स्वयंभू रीजनल कमांडर रवींद्र गंझू को मिला था।

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अनुसंधान के क्रम में एनआइए ने लातेहार में रवींद्र गंझू की 50 लाख रुपये की अचल संपत्ति को भी जब्त किया था। उसका सहयोगी ठेकेदार मृत्युंजय कुमार सिंह उर्फ सोनू सिंह भी गिरफ्तार हो चुका है। ईडी ने उसकी संपत्तियां जब्त की है।

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