निशिकांत दुबे को हाईकोर्ट से मिल गयी फौरी राहत, 9 जनवरी तक नहीं की जा सकेगी पीड़क कार्रवाई, जानिये क्या है पूरा मामला
Nishikant Dubey got immediate relief from the High Court, no coercive action can be taken till January 9, know what is the whole matter.
High Court News : निशिकांत दुबे को हाईकोर्ट से फौरी राहत मिल गयी है। देवघर स्थित परित्राण मेडिकल ट्रस्ट की सम्पति बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट द्वारा खरीदे जाने के मामले में गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे को झारखंड हाई कोर्ट से पीड़क कार्रवाई पर रोक का आदेश दिया है। ये राहत 9 जनवरी तक बरकरार रहेगी।
निशिकांत दुबे के खिलाफ शिवदत्त शर्मा की ओर से जालसाजी का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करवाई है। इस प्राथमिकी को रद्द करने के लिए सांसद निशिकांत दुबे ने हाईकोर्ट का रुख किया है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई। सांसद निशिकांत के तरफ से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव, पार्थ जालान और शिवानी जालूका ने अदालत में बहस की।
क्या है पूरा मामला और आरोप
एफआईआर दर्ज कराने वाले शिव दत्त शर्मा ने बताया है कि वर्ष 2009 में पंजाब नेशनल बैंक की अगुवाई में बैंकों के एक संघ ने जमीन को गिरवी रखने और पीएमसीएच को बंधक रखने के बदले मेरे संस्थान, परित्राण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के लिए 93 करोड़ रुपए की ऋण राशि मंजूर की। भारतीय चिकित्सा परिषद नई दिल्ली ने मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की स्थापना-संचालन के लिए अपनी नीति में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किया। जिसे मेरा कॉलेज पूरा नहीं कर सका। एमसीआई से मान्यता हासिल करने में विफल रहा। जिसके कारण पीएमसीएच (परित्राण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल) चालू नहीं हो सका। जिससे मेरे लोन को गैर-निष्पादित घोषित कर दिया गया। लोन अकाउंट को एनपीए कर दिया गया। इस मालम में निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम सहित 9 लोगों के खिलाफ जसीडीह थाना में मामला दर्ज कराया गया था। दर्दमारा बॉर्डर स्थित परित्राण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को साजिश के तहत हड़पने और धोखाधड़ी सहित धारा 406, 409, 420, 467, 468, 471, 120बी, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। ये एफआईआर बावनबीघा निवासी शिव दत्त शर्मा ने दर्ज कराया है।