पत्नी ही नहीं, 3 कुत्तों का भी गुजारा भत्ता देना होगा पति को, कोर्ट ने सुनाया फैसला, जानिये पूरा मामला

मुंबई। कोर्ट ने पत्नीो के 3 पालतू कुत्तों के लिए गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है। मामला मुंबई के बांद्रा कोर्ट का है, जहां मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोमलसिंह राजपूत ने हाल ही में एक व्यक्ति की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें उसने अपनी 55 वर्षीय पत्नीर को मिलने वाले भरण-पोषण भत्ते में कटौती की मांग की थी। जिसमें उसके 3 पालतू कुत्तों पर खर्च के लिए पैसे भी शामिल थे। उसकी दलीलों को खारिज करते हुए मजिस्ट्रेट ने कहा कि "पालतू जानवर भी सभ्य जीवनशैली का हिस्सा हैं।

कोर्ट ने कहा कि यह महिला और उसके 3 पालतू कुत्तों के लिए रखरखाव राशि को कम करने का आधार नहीं हो सकता। घरेलू हिंसा की शिकार महिला ने घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम की धारा 12 के तहत प्रति माह 70,000 रुपये का गुजारा भत्ता मांगा था, लेकिन उसके पूर्व पति ने इसे इस आधार पर चुनौती दी कि वह अपने 3 पालतू कुत्तों के लिए भी गुजारा भत्ता चाहती है। कोर्ट ने उसकी याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया और उसके पूर्व पति को भरण-पोषण भत्ते के रूप में 50,000 रुपये प्रति माह देने का निर्देश दिया है।

मजिस्ट्रेट ने इस तथ्य को ध्यान में रखा कि दोनों पक्ष अच्छी वित्तीय पृष्ठभूमि वाले हैं, पति के व्यावसायिक घाटे के दावों का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं था और अदालत ने महसूस किया कि पत्नीद को दिया जाने वाला गुजारा भत्ता उसकी जीवनशैली और अन्य जरूरतों के अनुरूप होना चाहिए। इस जोड़े की शादी 1986 में दूसरे भारतीय शहर में हुई थी।

इनकी दो बेटियां हैं जो विदेश में बस गई हैं, लेकिन 2021 में पति-पत्नीत के बीच मतभेद हो गए और उन्होंने भरण-पोषण भत्ता और अन्य सुविधाओं का आश्वानसन देकर पत्नी को मुंबई भेज दिया बाद में पत्नीन ने आरोप लगाया कि उसके पति ने अपना वादा नहीं निभाया, वह घरेलू हिंसा करता था। महिला के पास आय का कोई स्रोत नहीं था, वह खराब स्वास्थ्य से पीड़ित थी और उसके तीन कुत्ते उसी पर निर्भर थे।

HPBL Desk
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