अब भारत की अंजू फेसबुकिया प्यार के लिए पहुंच गयी पाकिस्तान, सीमा हैदर से मिलती जुलती है कहानी, जानिये क्यों मचा है हड़कंप

लखनऊ। पबजी के प्यार में सिर्फ सीमा ही भारत नहीं आयी है। भारत की अंजू भी पाकिस्तान चली गयी है। अंजू की कहानी भी पाकिस्तानी सीमा से मिलती जुलती है। उत्तर प्रदेश की रहने वाली अंजू को नसरुल्लाह ने लालच दिया था। नसरुल्लाह पहले एक स्कूल शिक्षक था, लेकिन वर्तमान में वह दिर शहर में एक मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव के रूप में काम करता है। दोनों ने पुष्टि की है कि वे सोशल मीडिया पर मिले थे और लड़की उससे मिलने के लिए सीमा पार कर खैबर पख्तूनख्वा के दिर पहुंची है। इस बीच, पाकिस्तानी अधिकारियों ने भी पुष्टि की है कि लड़की के संबंध में जांच चल रही है।

अंजू (35) नाम की एक भारतीय लड़की अपने फेसबुक मित्र नसरुल्लाह खान (29) से मिलने के लिए पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि फिलहाल, वह पुलिस हिरासत में है और सुरक्षा एजेंसियां आगे की जांच कर रही हैं। अंजू और नसरुल्लाह चार साल पहले फेसबुक पर दोस्त बने थे। यही दोस्ती आगे चलकर प्यार में बदल गई. आज न्यूज के मुताबिक
अंजू शुक्रवार (21 जून) को पाकिस्तान पहुंची थी।

ऊपरी दिर पुलिस ने रविवार को पुष्टि की कि भारतीय महिला मलकंद डिवीजन के जिले में थी. वीज़ा सूचना प्रपत्र में कहा गया है कि अंजू को 30 दिनों के लिए ऊपरी दिर शहर में रहने की अनुमति दी गई है। अंजू के लिए भी पाकिस्तान का वीज़ा लेना आसान नहीं था. विशेषकर दीर बाला तक पहुंचने के लिए पाकिस्तान की दूरदराज़ का एक ज़िला है. इस ज़िले की एक सीमा अफ़ग़ानिस्तान से मिलती है।

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आमतौर पर दोनों देश एक-दूसरे के नागरिकों को वीज़ा देते हुए बहुत कम शहरों तक जाने की अनुमति देते हैं। तो आख़िर अंजू और नसरुल्लाह की यह कहानी कैसे शुरू हुई और अंजू को पाकिस्तान का वीज़ा कैसे मिला और दीर बाला ज़िला जाने की अनुमति कैसे मिली? नसरुल्लाह ने बताया कि कुछ साल पहले फ़ेसबुक के ज़रिए उनका संपर्क भारत की अंजू से हुआ था। मूल रूप से उत्तर प्रदेश की अंजू एक निजी कंपनी में नौकरी करती हैं।

नसरुल्लाह कहते हैं, “पहले यह संपर्क दोस्ती और फिर प्यार में बदल गया, जिसके बाद हम दोनों ने साथ में जीवन बिताने का फ़ैसला किया.” नसरुल्लाह के अनुसार, उनके परिजन इस फ़ैसले में उनके साथ हैं। उन्होंने कहा, “दोनों में तय हुआ कि अंजू पाकिस्तान का दौरा करेंगी, यहां आकर मेरे परिवार से मिलेंगी और हम पाकिस्तान में मंगनी करेंगे, जिसके कुछ समय बाद हम शादी कर लेंगे।

लेकिन इस दौरे को संभव बनाना दोनों के लिए आसान नहीं था. सीमा क्षेत्र की समस्या के अलावा एक रुकावट दोनों देशों के बीच बीते सालों के तनावपूर्ण संबंध भी थे। नसरुल्लाह का कहना है कि अंजू के लिए पाकिस्तान का वीज़ा लेना बहुत मुश्किल था। वो कहते हैं, “हमारी नीयत साफ़ थी जिसकी वजह से हम दोनों ने बिल्कुल हिम्मत नहीं हारी.”

एक ओर अंजू दिल्ली में भारत में पाकिस्तानी दूतावास के चक्कर लगाती रहीं जबकि नसरुल्लाह पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय और दूसरे दफ़्तरों के चक्कर काटते रहे। नसरुल्लाह का कहना था, “अंजू वहां पर अफ़सरों को समझाती रहीं और मैं यहां पर अफ़सरों से गुज़रिश करता रहा कि वीज़ा अंजू का अधिकार है और हम अगर मिलना चाहते हैं तो वो हमें मिलने दें.” आख़िर में दोनों की कोशिशें रंग लाईं. लेकिन अफ़सरों को समझाकर मनाने में उनको दो साल का समय लग गया जिसके बाद अंजू को पाकिस्तान का वीज़ा भी मिल गया और उनको दीर बाला जाने की अनुमति भी दे दी गई.

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