मंईया सम्मान योजना के फार्म भरने को लेकर हो रही है मारा-मारी, बाबूलाल मरांडी ने कहा, महिलाएं आशंकित हैं…अब धैर्य जवाब देने लगा है…

There is a fight going on regarding filling the forms of Maaniya Samman Yojana, Babulal Marandi said, women are apprehensive...now patience has started paying...

Maiya Samman Yojana: मईंया सम्मान योजना का पूरे झारखंड में जबरदस्त क्रेज है। हेमंत सोरेन की सत्ता वापसी में इस योजना का बहुत बड़ा योगदान कहा जा रहा है। लेकिन इस योजना के लाभ से अभी भी काफी महिलाएं वंचित हैं। लिहाजा आये दिन ब्लाक कार्यालय में महिलाओं की काफी भीड़ उमड़ रही है। कई जगहों पर विवाद की स्थिति भी निर्मित हो रही है। धनबाद में ऐसा ही नजारा देखने को मिला। वासेपुर क्षेत्र की महिलाएं आवेदन नहीं जमा कर पाने से नाराज हो गयी।

 

धनबाद में महिलाएं लगा रही ब्लाक के चक्कर

महिलाओं ने ये भी आरोप लगा दिया कि उनसे झूठ बोलकर सरकार ने वोट लिया। चुनाव जीतने के बाद उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। इधर मंईया सम्मान योजना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। उन्होंने एक वीडियो पोस्ट कर लिखा है कि प्रदेश की माताएं-बहनें मंईयां सम्मान योजना में हो रही लापरवाहियों से सशंकित हैं। चार महीनों से लंबित किश्त का भुगतान न होने से इन महिलाओं का धैर्य अब जवाब देने लगा है।

 

बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा है कि फॉर्म भरने और जानकारी प्राप्त करने के लिए अंचल कार्यालयों में जाने वाली महिलाओं को अव्यवस्था और लचर प्रणाली का शिकार होना पड़ रहा है। इस लचर रवैये ने सरकार की मंशा पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। अविलंब स्थिति का संज्ञान लें और चार महीनों के लंबित किश्त भुगतान का सुनिश्चित करने के साथ-साथ मंईयां सम्मान योजना की प्रक्रिया को सरल बनायें, ताकि माताएं-बहनें आसानी से योजना का लाभ प्राप्त कर सकें।

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हजारीबाग में भी यही परेशानी

हजारीबाग जिले सहित पूरे झारखंड में महिलाएं ‘मंईयां सम्मान योजना’ के तहत मिलने वाली राशि के लिए अंचल कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। 18 से 50 वर्ष की उम्र की विधवा, आर्थिक रूप से कमजोर और असहाय महिलाएं, जो इस योजना के अंतर्गत आती हैं, उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा। कई महिलाओं ने चार से पांच बार आवेदन किया, लेकिन फिर भी उनके खातों में सम्मान राशि जमा नहीं हुई। योजना के तहत प्रतिमाह 2500 रुपये देने का प्रावधान है, लेकिन अधिकांश महिलाओं को राशि मिलना तो दूर, आवेदन स्वीकृति की स्थिति तक स्पष्ट नहीं है, इससे झारखंड की सभी माताएं बहनें परेशान हो रही हैं।

 

कई मामलों में, फार्म भरने और आवश्यक दस्तावेज देने के बावजूद, योजना का लाभ नहीं मिला। रामगढ़ जिले में भी स्थिति खराब है, जहां करीब 30 हजार महिलाओं को इस योजना की राशि अब तक नहीं मिली। प्रशासन की लापरवाही और प्रक्रियागत बाधाओं के कारण महिलाएं बार-बार कार्यालयों के चक्कर काट रही हैं। प्रशासनिक अव्यवस्था के कारण माताएं बहनें दिनभर लाइनों में खड़ी रहती हैं, लेकिन इसके बाद भी उन्हें केवल और केवल निराशा मिलती है। भले ही योजना का उद्देश्य जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना था, लेकिन सरकार की लापरवाही और देरी के कारण महिलाओं को मुश्किलों एवं सही क्रियान्वयन न होने से आर्थिक रूप से परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है।

 

इस महीने से मिलेगी 2500 की राशि

मंईया सम्मान योजना के तहत पहले 1000 रुपये प्रतिमाह महिलाओं को दिया जाता था। लेकिन, मुख्यमंत्री ने चुनाव पूर्व बड़ी घोषणा करते हुए योजना की राशि में ढाई गुणा बढ़ोत्तरी का ऐलान कर दिया। पिछली कैबिनेट में उस पर फैसला भी सरकार ने ले लिया। जिसके तहत अब झारखंड में महिलाओं को 1000 के बजाय 2500 रुपये सम्मान राशि दी जायेगी। योजना की राशि में इतनी वृद्धि से महिलाओं का इस योजना के प्रति और भी रुझान ज्यादा बढ़ गया है।

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