तस्वीरें: बाबूलाल मरांडी के खिलाफ झामुमो ने की चुनाव आयोग से शिकायत, जानिये किन फोटो पर जतायी आपत्ति, पढ़िये शिकायती पत्र
Photos: JMM complained to the Election Commission against Babulal Marandi, know on which photos objection was raised, read the complaint letter.
Jharkhand Vidhansabha Election 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव को वोटिंग में अब बस एक घंटे का वक्त बचा है। लिहाजा राजनीतिक पार्टी के नेताओं में आरोप प्रत्यारोप का दौर काफी तेज है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी पर आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।इस मामले में जेएमएम ने आयोग को शिकायती पत्र भेजा है।
आज झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के द्वितीय व अंतिम चरण के मतदान के दौरान राजधनवार विधानसभा से भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी बाबूलाल मरांडी जी के द्वारा “आदर्श आचार संहिता” का उल्लंघन करते हुए मतदान के दौरान अपनी फोटो सोशल मीडिया माध्यमों द्वारा प्रचारित कर सार्वजनिक करने को लेकर… pic.twitter.com/dGQT1Tx4kY
— Supriyo Bhattacharya (@Supriyo__JMM) November 20, 2024
झामुमो ने गिरिडीह के निर्वाची पदाधिकारी सह उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी को चिट्ठी लिखी है. 2 तस्वीरें भेजीं. इसकी प्रति मुख्य निर्वाचन आयुक्त और झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भी भेजी है।झामुमो ने चिट्ठी के साथ बाबूलाल मरांडी की 2 तस्वीरें संलग्न करते हुए कहा है कि ये दोनों फोटो सोशल मीडिया में वायरल हैं।
झामुमो के महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने गिरिडीह के जिला निर्वाची पदाधिकारी को संबोधित चिट्ठी में कहा है कि 28-धनवार विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी बाबूलाल मरांडी ने मतदान के समय आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है।
कथित तौर पर सोशल मीडिया में वायरल जिन तस्वीरों की छायाप्रति झामुमो ने चुनाव आयोग को भेजी है, उसमें एक फोटो में बाबूलाल मरांडी मतदान केंद्र के अंदर वोट कर रहे हैं। दूसरे फोटो में वह अपनी उंगली पर लगी नीली स्याही दिखा रहे हैं. दोनों तस्वीरें मतदान केंद्र के अंदर की बताई जा रही हैं। चिट्ठी में लिखा गया है कि 20 नवंबर को संपन्न हो रहे चुनाव में धनवार से भाजपा प्रत्याशी ने मतदान के दौरान अपनी तस्वीर खिंचवाकर सार्वजनिक की है. यह आदर्श चुनाव आचार संहिता के विरुद्ध है. एक मतदाता के तौर पर यह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 का उल्लंघन है।