बिहार में शिक्षक भर्ती को लेकर गरमायी राजनीति, मोदी बोले, 30 हजार बिहारी युवा को मिली नौकरी, प्रशांत किशोर बोले, '1.25 लाख नियुक्ति में कितने नए लोगों को मिली नौकरी?

पटना। बिहार में शिक्षक भर्ती को लेकर राज्य सरकार के दावों पर राजनीति गरमा गयी है। सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि शिक्षकों के एक लाख 70 हजार पद रहते हुए राज्य सरकार बमुश्किल 30 हजार बिहारी युवाओं को नई नियुक्ति देने जा रही है। सुशील मोदी ने कहा है कि जिन अभ्यर्थियों ने नौकरी स्वीकार की, उनमें मुश्किल से 30 हजार ही बिहारी युवा हैं। अन्य राज्यों के लगभग 40 हजार युवा बिहार में शिक्षक बनेंगे।

37,500 वो नियोजित शिक्षक हैं, जो पहले से सरकारी सेवा में हैं उन्हें अब दोबारा नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षक नियुक्ति में जितनी गड़बड़ियां हुई हैं, उन सब पर पर्दा डालने के लिए गांधी मैदान में मेगा इवेंट आयोजित किया जा रहा है। यह बिहार के युवाओं के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए नौ से 12 कक्षा के लिए आवेदन ही अपेक्षा से 40 हजार कम आए। फिर मात्र 1.22 लाख अभ्यर्थियों के पास होने से 48 हजार पद खाली रह गए। 10 हजार उत्तीर्ण लोगों ने बिहार सरकार की नौकरी स्वीकार नहीं कर खाली रह जाने वाले पदों की संख्या 60 हजार के करीब पहुंचा दी।

जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार के नए युवाओं में मुश्किल से 20-25 हजार नए युवाओं को ही नौकरी मिली है। उन्होंने कहा कि सरकार से सवाल पूछा जाना चाहिए कि बिहार में 1 लाख 25 हजार लोगों में कितने नए लोगों को नौकरी मिली? उन नए लोगों में बिहार के कितने लोग हैं?

HPBL Desk
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