500 साल पुराने इस बाजार की भविष्यवाणी कभी नहीं होती गलत, जानें इतिहास

महाराष्ट्र और झारखंड दोनों ही राज्यों में आज विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग जारी है. यहां झारखंड में दूसरे और आखिर फेज का चुनाव हो रहा है. तो वहीं महाराष्ट्र में सिंगल फेज पर सुबह सात बजे से मतदान जारी है. ऐसे में आज सबकी की नजरे महाराष्ट्र के सभी सीटों पर अटकी हुई है. क्योंकि अब यहां की चुनाव पर सट्टा बाजार की भी नजरे अटकी हुई है. फलोदी सट्टा बाजार का आकलन बता रहे हैं कि महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाला महायुति गठबंधन महायुति गठबंधन को प्रदेश की 288  में से 144-152 के बीच सीटें मिल सकती हैं. कांग्रेस, शिवसेना UTB, और शरद पवार (SP) महाविकास अघाड़ी को महायुती से कम सीटें मिल रही है लेकिन चुनाव में महायुती को महाविकास अघाड़ी कड़ी टक्कर देती हुई रही है.

हालांकि महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव में इसका फैसला 23 नवंबर को आने वाले चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा. ऐसे में सबके लिए जानना बेहद जरूरी है कि आखिर फलोदी सट्टा बाजार क्या है और क्या इसके सभी अनुमान अब तक सही हुए हैं. कुल मिलाकर फलोदी सट्टा बाजार का पूरा A टू Z आज हम आपको बताते हैं.

क्या है फलोदी सट्टा बाजार?

फलोदी सट्टा बाजार को आम भाषा में  जुआ बाजार भी कहा जाता है.जहां लोग भविष्यवाणी करके पैसे लगाते हैं.इससे सट्टा बाजार भी कहा जाता है, जो अक्सर खेलों, चुनावों या अन्य घटनाओं के परिणामों पर आधारित होता है.लोग इसमें किस्से, अंकों, या अन्य संकेतों के माध्यम से भविष्यवाणी करते हैं कि कोई घटना किस प्रकार घटेगी और उस पर पैसे लगाते हैं. हालांकि, सट्टा बाजार भारत में अवैध है, फिर भी यह कई जगहों पर संचालित होता है.

फलोदी सट्टा बाजार का चुनाव को लेकर अनुमान

फलोदी सट्टा बाजार का चुनाव को लेकर अनुमान आमतौर पर राजनीतिक घटनाओं और चुनाव परिणामों पर आधारित होता है. इसमें लोग यह अनुमान लगाते हैं कि कौन सा पार्टी या उम्मीदवार चुनाव जीतेगा. सट्टा बाजार में आम तौर पर यह देखा जाता है कि किस पार्टी या उम्मीदवार को ज्यादा समर्थन मिल रहा है और इसी आधार पर लोग पैसे लगाते हैं.

फलोदी सट्टा बाजार का अनुमान

चुनाव के दौरान, फलोदी सट्टा बाजार के अनुमानों का सही होना या गलत होना कई बार चर्चा का विषय बनता है. अक्सर सट्टा बाजार सही भी हो जाते हैं तो कभी-कभी गलत भी. जैसे मध्य प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव में बताया जा रहा था कि वह कांग्रेस की सरकार आने वाली है लेकिन फलोदी सट्टा बाजार में बताया था कि मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार आएगी और शिवराज सिंह सीएम भी नहीं बनेंगे. इसी तरह से राजस्थान और छत्तीसगढ़ के लिए भी फलोदी सट्टा बाजार ने सही अनुमान लगाया था.

कहां-कहां चलता है फलोदी सट्टा बाजार?

किस राज्य में सरकार बनेगी और किसकी सरकार बनेगी सिर्फ यहीं पर बात खत्म नहीं होती है. सट्टा बाजार इस बात का भी अनुमान लगाते हैं कि कौन सा नेता जीत रहा है और कौन हार रहा है. जैसे मुंबई के एक सट्टा बाजार ने यूपी के कुछ सीटों को लेकर अनुमान जताया था कि अमेठी से खड़ी हुई स्मृति ईरानी जीत रही हैं. रायबरेली से राहुल गांधी जीत सकते हैं. मैनपुरी से डिंपल यादव जीत सकती है. सट्टा बाजार में तो यह भी अनुमान लगाया है कि लखनऊ से राजनाथ सिंह ढाई लाख वोटो से जीत सकते हैं. कन्नौज में अखिलेश यादव जीत सकते हैं. तो वही मेरठ में भाजपा से अरुण गोविल जीत सकते हैं. ऐसा कहना मुंबई सट्टा बाजार का है.

फलोदी सट्टा बाजार कैसे तय करता है रूझान?

ये बाजार नेताओं की रैलियों पर बारीकी से नजर रखता है और लोगों के साथ उसकी चर्चा करता है. पार्टी की स्थिति क्या है या नेटवर्क के दूसरे सटोरिया किस पर दांव लगा रहे हैं. इस सब पर विचार करने के बाद एक सामूहिक विचार करते हैं. इसी के आधार पर फलोदी सट्टा बाजार अपने रुझान तय करता है. किसी भी चुनाव के नतीजे के बारे में जीत हार के दावे इस आधार पर तय किये जाते हैं.

400-500 साल पुराना है सट्टा बाजार

बता दें कि फलौदी का सट्टा बाजार पूरी दुनिया में अपने अनोखे कारनामों के चलते फेमस है. यह शहर देश के किसी भी राज्य में सरकार बना सकता है और गिरा सकता है. फलौदी के जानकारों का कहना है कि यहां सट्टा तो 400-500 साल पुराना है.

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