तबादले के बाद बोले प्रधान सचिव : मेरा 30 साल का करियर बेदाग, आरोप राजनीति से प्रेरित….VIDEO वायरल होने के बाद कल किया गया था CM के प्रधान सचिव का ट्रांसफर
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रधान सचिव रहे राजीव अरुण एक्का विवादों में हैं। उन पर लगे आरोप के बाद उनका तबादला कर दिया गया। आज अपने ऊपर लगे आरोपों पर उन्होंने चुप्पी तोड़ी है। आरोपों पर जवाब दिया है। आईएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का ने अपना पक्ष रखते हुए इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि किसी से दोस्ती करना गलत नहीं है। मैंने कोई भी सरकारी कागज पर दफ्तर के बाहर हस्ताक्षर नहीं किया।
राजीव अरुण एक्का ने बाबूलाल मरांडी के आरोप पर कहा कि मैं किसी सरकारी कागज पर दफ्तर के बाहर साइन नहीं करता। मैंने अपने दफ्तर में और यात्रा के दौरान अपनी गाड़ी में सरकारी फाइलें देखी है। किसी से आपका परिचय है इसका यह मतलब नहीं है कि आप उन्हें लाभ पहुंचा रहे हैं। जो वीडियो जारी किया है उसमें मैं कोई और बात लिख रहा हूं, वह सरकारी कागज नहीं है। पेपर पर मैं कुछ समझाने की कोशिश कर रहा हूं।
मैंने अपना काम पूरी ईमानदारी से किया है। मेरे तीस साल के करियर में मुझ पर कभी कोई आरोप नहीं लगे। मैंने ना कोई संपत्ति अर्जित की है और ना ही पैसे का कोई लालच रखा है। इतने साल की नौकरी में मैंने आदिवासी मोहल्ले में एक घर बनाया है। लोग मुझसे कहते हैं कि इतने साल की नौकरी में आप एक बेहतर घर नहीं बना सके।
बाबूलाल मरांडी के आरोप राजनीति से प्रेरित
राजीव अरुण एक्का ने कहा, मैंने तीस साल की नौकरी में कई पदों पर काम किया है। मैं कई जिलों में डीसी रहा लेकिन कहीं भी मुझ पर आरोप नहीं लगे। मुझ पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह बेबुनियाद है मैं किसी सरकारी कागज पर साइन नहीं कर रहा। मेरे दफ्तर में इस तरह के हजारों पेपर है, उनमें से किसी को भी यह कहकर दिखा देना कि मैंने सरकारी कागज पर साइन किया है, गलत है। किसी परिचित के साथ बैठना उसे सलाह देना बुरा नहीं है। मैं अपने निजी जीवन में किससे मिलता हूं यह मेरा फैसला है।
अगर मैंने किसी को लाभ पहुंचाया है तो उससे संबंधित दस्तावेज सामने होते, लाभ कैसे पहुंचाया है यह पता होता लेकिन कोई सबूत नहीं है। यह पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित आरोप है। मैं इन आरोपों को सिरे से खारिज करता हूं। तबादला सरकार का फैसला है इस पर टिप्पणी नहीं मेरा पंचायती राज में तबादला किया गया है। मैं सरकार के इस फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करता चाहता ।