रामगढ़ उपचुनाव: जानिये किसकी है उपचुनाव में दावेदारी मजबूत, कब तक हो सकता है चुनाव

रांची: कांग्रेस विधायक ममता देवी की सदस्यता समाप्त होने के बाद रामगढ़ सीट पर उपचुनाव जल्द होंगे। भारत निर्वाचन आयोग से हड़ी झंडी मिलने के बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार शुक्रवार को रामगढ में जिला निर्वाचन पदाधिकारी एवं उप निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चुनाव तैयारियों का जायजा लेंगे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो एक दो महीने के अंदर चुनाव करा लिए जायेंगे। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग उपचुनाव के लिए तैयार है। गोला गोलीकांड मामले में हजारीबाग सिविल कोर्ट के द्वारा 5 साल की सजा दिए जाने के बाद कांग्रेस विधायक ममता देवी की विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई थी।

चुनाव आयोग ने की रामगढ़ उपचुनाव की तैयारी

रामगढ़ उपचुनाव (Ramgarh by election) के लिए चुनाव आयोग ने प्रारंभिक तैयारी पूरी करते हुए जल्द ही इसकी औपचारिक घोषणा करने के संकेत दिए हैं. जानकारी के मुताबिक रामगढ़ उपचुनाव में चुनाव आयोग के द्वारा 405 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें शहरी क्षेत्र में 62 और ग्रामीण क्षेत्र में 343 शामिल है. मतदाताओं की संख्या की बात करें तो 5 जनवरी 2023 को प्रकाशित नए मतदाता सूची के अनुसार रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 3 लाख 34 हजार 167 मतदाता हैं जिसमें 1 लाख 72 हजार 923 पुरुष, 1 लाख 61 हजार 244 महिला मतदाता शामिल हैं।

506 ईवीएम को होगा इस्तेमाल

चुनाव आयोग ने इस उपचुनाव में 506 ईवीएम का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है जिसके साथ 547 वीवीपैट भी रहेगा। आंकड़ों के मुताबिक 2009 के विधानसभा चुनाव में 67.63%, 2014 के विधानसभा चुनाव में 70.72% और 2019 के विधानसभा चुनाव में 71.36% मतदान रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में हुए थे।

विपक्ष या सत्तापक्ष? किसका पलड़ा भारी

बता दें कि रामगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान होते ही सियासी सरगर्मियां बढ़ेगी। रामगढ़ उपचुनाव में जहां झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस का महागठबंधन 1932 पर आधारित स्थानीय नीति, ओबीसी आरक्षण, पारा शिक्षक वेतनमान वृद्धि, आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका मानदेय वृद्धि और पुलिस को क्षतिपूर्ति अवकाश के मुद्दे पर मैदान में उतरेगा वहीं बीजेपी कानून व्यवस्था, साहिबगंज में हुए 1000 करोड़ रुपये के अवैध खनन घोटाला और मुख्यमंत्री से इस संबंध में हुई पूछताछ को मुद्दा बनाने का प्रयास करेगी। नियोजन नीति भी रामगढ़ उपचुनाव में एक अहम मुद्दा साबित होगा। बता दें कि हाल ही में बीजेपी और झामुमो के बीच प्रत्याशियों के ऐलान को लेकर बयानबाजी हो चुकी है।

2019 के बाद से अब तक 4 उपचुनाव हारी बीजेपी

2019 के बाद से राज्य में अब तक 4 उपचुनाव हुए हैं। और सभी में महागठबंधन को जीत मिली है। दुमका उपचुनाव मुख्य हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन ने जीता। बेरमो उपचुनाव में दिवंगत कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह के बेटे कुमार जयमंगल उर्फ अ सिंह विजयी हुए। मधुपुर उपचुनाव पूर्व मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के हफीजुल हसन जीते। मांडर में बंधु तिर्की की बेटी शिल्पी नेहा तिर्की विजयी हुईं। चारों उपचुनाव में बीजेपी के प्रत्याशियों को हार झेलनी पड़ी। इतिहास को देखते हुए सत्तापक्ष जीत के प्रति आश्वस्त है वहीं जेपी प्रदेश में हुए हालिया घटनाक्रम को देखते हुए उम्मीद लगा रही होगी कि जीत मिले।

HPBL Desk
HPBL Desk  

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति की हो, खेलकूद की हो, अपराध की हो, मनोरंजन की या फिर रोजगार की, उसे LIVE खबर की तर्ज पर हम आप तक पहुंचाते हैं।

Related Articles
Next Story