झारखंड में 52000 शिक्षकों की भर्ती: शिक्षा मंत्री की शिक्षकों को दो टूक, कोई बहाना नहीं चलेगा, समय पर आना होगा स्कूल, अफसरों को भी अल्टीमेटम
Recruitment of 52000 teachers in Jharkhand: Education Minister bluntly told teachers, no excuse will be allowed, they will have to come to school on time, ultimatum to officers also
Jharkhand Teacher Vacancy : झारखंड में जल्द ही बड़े पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती होगी। इन शिक्षकों की भर्तियां अलग-अलग स्तर पर होगी। प्रदेश के नये शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने जानकारी दी है कि झारखंड में जल्द ही 52 हजार शिक्षकों की बहाली होगी। साथ ही, राज्य में 500 सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खुलेगा।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में जो शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी, उसमें कुछ कानूनी अड़चनें हैं, जिसे जल्द ही दूर किया जायेगा। 26 हजार शिक्षकों की भर्ती का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। जैसे ही इस पर फैसला आएगा, राज्य सरकार पहले चरण में इन 26 हजार पदों पर नियुक्ति करेगी, जबकि दूसरे चरण में बाकी के 26 हजार शिक्षकों की बहाली होगी।
उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से राज्य में शिक्षा के स्तर को सुधारने में मजबूती आयेगी। इससे राज्य के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिलेगा। राज्य स्तर पर शिक्षा के बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए काम किया जा रहा है, क्योंकि केवल मजबूत नींव से ही शैक्षणिक गुणवत्ता बेहतर हो सकती है। प्रदेश में बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए सरकार ये कदम उठायेगी।
जमशेदपुर स्थित परिसदन में शिक्षा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। शिक्षा मंत्री ने अफसरों को दो टूक निर्देश दिये हैं कि वो शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करें। उन्होंने स्कूलों में शिक्षकों की लेटलतीफी को लेकर कड़ी चेतावनी दी और कहा कि कोई बहाना नहीं चलेगा, शिक्षकों को समय पर स्कूल आना होगा।
बैठक में कई खामियां सामने आयीं, जिसमें सुधार के लिए 15 दिनों में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक होगी, जिसमें अधिकारियों से जवाब-तलब होगा। मंत्री ने कहा कि जल्द ही स्कूलों में क्षेत्रीय भाषाओं में पठन-पाठन की शुरुआत होगी. इसके लिए क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षकों की नियुक्ति जल्द ही होगी. इस दिशा में पहल शुरू कर दी गयी है. उन्होंने कहा कि सरकारी और निजी स्कूलों के बीच की दूरियों को कम किया जाएगा, ताकि शिक्षा में समानता सुनिश्चित हो. सरकारी स्कूलों में आधुनिक शिक्षा पद्धति को अपनाया जाएगा।