सहारा के निवेशकों को मिलेंगे 2025 करोड़, जानिये किन-किन को मिलेगी ये राशि, सरकार से मिलने वाली है खुशखबरी

Sahara Investment : सहारा समूह में डूब चुका पैसा अब जल्द ही मिलने वाला है। केंद्र सरकार की एक पहल से लाखों निवेशकों के चेहरे पर खुशियां आने वाली है। कंपनियों में निवेश करने वाले 11.61 लाख से अधिक निवेशकों को दो हजार करोड़ से ज्यादा की राशि मिलेगा।

निवेशकों का पैसा उन्हें जल्द मिलेगा, जिसके लिए 2,025.75 करोड़ रुपये की राशि जारी करने की घोषणा केंद्र सरकार ने की है।सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि अब तक 50,000 रुपये तक की राशि ही प्रत्येक पात्र निवेशक को दी जा रही है। यह राशि निवेशकों के आधार-लिंक्ड बैंक खातों में जमा की जा रही है।

बताया जा रहा है कि यह राशि उन निवेशकों को लौटाई जाएगी, जिन्होंने सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल के माध्यम से अपनी दावेदारी की थी। इससे पहले भी सरकार ने पांच हजार करोड़ की राशि वापस करवा दी है।

सरकार ने स्पष्ट किया कि वह निवेशकों को उनकी पूरी राशि लौटाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में आगे भी प्रयास जारी रहेंगे। सहकारी मंत्रालय सभी वैध निवेशकों को जल्द से जल्द उनके पैसे लौटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त मॉनिटरिंग टीम के साथ समन्वय कर रहा है।

दरअसल पिछले सप्ताह लोकसभा में गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सहकारी समितियों में जमा किए गए धन की वापसी के लिए यह पोर्टल 18 जुलाई 2023 को लांच किया गया था।इस पोर्टल के माध्यम से निवेशकों को उनके आधार-लिंक्ड बैंक खातों में प्रत्यक्ष भुगतान किया जा रहा है।

सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बताया है कि सहारा समूह की चार प्रमुख सहकारी समितियों- सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड लखनऊ, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पस सोसाइटी लिमिटेड (भोपाल), हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (कोलकाता) और स्टार्स मल्टीपर्पस कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (हैदराबाद) के पात्र निवेशकों को यह राशि दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि सरकार निवेशकों को उनकी पूरी जमा राशि वापस दिलाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 29 मार्च 2023 को अपने आदेश में कहा था कि सहारा-सेबी रिफंड खाते में जमा 24,979.67 करोड़ रुपये में से 5,000 करोड़ रुपये को केंद्रीय सहकारी समितियों के पंजीयक को हस्तांतरित किया जाए।इस राशि का उपयोग निवेशकों के वैध दावों के निपटारे के लिए किया जाना था।

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