संभल हिंसा: 4 लोगों की मौत, 20 पुलिसकर्मी घायल, स्कूल-इंटरनेट बंद
कमिश्नर बोले- उपद्रवियों ने चलाईं गोलियां
संभल हिंसा: 4 लोगों की मौत, 20 पुलिसकर्मी घायल, स्कूल-इंटरनेट बंद
यूपी के संभल में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों की रविवार को पुलिस के साथ हिंसक झड़प हो गई. इसमें चार लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 20 सुरक्षाकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए.इस हिंसा के बाद प्रशासन ने 12वीं तक के स्कूल बंद करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया है. उपद्रवियों की पहचान की जा रही है.
संभल में मंगलवार से ही तनाव की स्थिति बनी हुई है, एक स्थानीय न्यायालय के आदेश पर जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था. इसके बाद एक याचिका दायर की गई, जिसमें दावा किया गया कि मस्जिद के स्थान पर हरिहर मंदिर था. इसके बाद रविवार को प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी और पुलिस पर जमकर पथराव किया. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और लाठियों का इस्तेमाल किया.
कमिश्नर ने कहा- उपद्रवियों ने गोलियां चलाईं, 20 पुलिसकर्मी घायल
मुरादाबाद के कमिश्नर अंजनेय कुमार सिंह ने कहा, “उपद्रवियों ने गोलियां चलाईं हैं. पुलिस अधीक्षक के पीआरओ के पैर में गोली लगी है. सीओ को छर्रे लगे हैं. इस हिंसा में 15 से 20 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए हैं.” उन्होंने कहा कि एक कांस्टेबल के सिर में भी गंभीर चोट आई है, जबकि डिप्टी कलेक्टर के पैर में फ्रैक्चर हो गया है. इस हिंसा में नईम, बिलाल और नौमान नाम के चार लोगों की हत्या कर दी गई है. उनके पोस्टमार्टम की तैयारी चल रही है.
हिरासत में 10 लोग, हिंसा की जांच शुरू, उपद्रवियों पर लगेगा NSA
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 2 महिलाओं समेत 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है. इस हिंसा की जांच शुरू कर दी गई है. कुछ लोगों ने सड़क किनारे खड़ी कुछ मोटरसाइकिलों में आग भी लगा दी. उन्होंने कहा कि हम जांच कर रहे हैं कि गोलियां कहां से चलाई गईं, खास तौर पर दीपा सराय इलाके में. हिंसा के आरोपियों पर सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. हिंसा में शामिल उपद्रवियों की पहचान की जा रही है.
मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान बड़ी संख्या में जुटे भीड़ ने की हिंसा
रविवार सुबह यह हिंसा तब शुरू हुई जब शाही जामा मस्जिद में सर्वेक्षण दल के काम शुरू करने के दौरान बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए. वहां नारे लगाने लगे. जिला अधिकारियों ने बताया कि सर्वेक्षण सुबह के समय किया गया, ताकि मस्जिद में होने वाली नमाज में व्यवधान न आए, जो आमतौर पर दोपहर में होती है. अदालती आदेश के तहत एडवोकेट कमिश्नर द्वारा दूसरा सर्वेक्षण रविवार सुबह करीब 7 बजे शुरू हुआ. उसी दौरान वहां भीड़ जमा होने लगी.
संभल हिंसा: 4 लोगों की मौत, 20 पुलिसकर्मी घायल, स्कूल-इंटरनेट बंद
संभागीय आयुक्त ने कहा- हिंसा में शामिल लोगों को उकसाया गया
मुरादाबाद संभागीय आयुक्त ने कहा, “सर्वेक्षण शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था, लेकिन कुछ लोग मस्जिद के पास एकत्र हो गए और नारे लगाने लगे. जब पुलिस ने इलाके को खाली कराने का प्रयास किया, तो भीड़ में शामिल उपद्रवियों के एक समूह ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. हिंसा में शामिल लोगों को उकसाया गया था, जिनका उद्देश्य शांति को बाधित करना था. उपद्रवी धीरे-धीरे हिंसक होते गए. उन्होंने पुलिस को निशाना बनाना शुरू कर दिया.”
पुलिस अधीक्षक ने कहा- स्थिति को देख पुलिस ने बल प्रयोग किया
पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा, “स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया. आंसू गैस के गोले छोड़े गए. पथराव करने वालों और उन्हें उकसाने वालों की पहचान की जाएगी. उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. हम एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया में हैं.” जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेसिया ने कहा, “कुछ उपद्रवियों ने पथराव किया, लेकिन अब स्थिति शांतिपूर्ण है. पथराव की घटना के सिलसिले में करीब 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है.”
डीजीपी ने कहा- असामाजिक तत्वों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रमुख प्रशांत कुमार ने बताया कि संभल में स्थिति नियंत्रण में है. उन्होंने कहा, “हम हर चीज पर नजर रख रहे हैं. पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर स्थिति को संभाल रहे हैं. वे उन इलाकों में गश्त कर रहे हैं. असामाजिक तत्वों की जल्द ही पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मस्जिद के पास अतिरिक्त पुलिस टुकड़ियों को तैनात किया गया है. अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं.”
अखिलेश यादव ने कहा- चुनावी गड़बड़ी से ध्यान हटाने के लिए हिंसा
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार और प्रशासन ने चुनावी गड़बड़ी से ध्यान हटाने के लिए हिंसा की साजिश रची है. उन्होंने कहा, “संभल में गंभीर घटना हुई. चुनाव के बारे में चर्चा को बाधित करने के लिए सुबह जानबूझकर एक सर्वेक्षण टीम भेजी गई थी. इसका उद्देश्य अराजकता पैदा करना था ताकि चुनावी मुद्दों पर कोई बहस न हो सके. मैं कानूनी पहलुओं में नहीं जाना चाहता, लेकिन दूसरे पक्ष की बात भी नहीं सुनी गई.”
”भाजपा, सरकार और प्रशासन द्वारा रची गई हिंसा की साजिश”
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया, “संभल में जो कुछ हुआ, वो चुनावी गड़बड़ियों से ध्यान हटाने के लिए भाजपा, सरकार और प्रशासन द्वारा रचा गया था.” शनिवार को संभल जिला प्रशासन ने शांति भंग की आशंका के चलते 34 लोगों को 10 लाख रुपए तक के मुचलके पर पाबंद किया. उपमंडल मजिस्ट्रेट वंदना मिश्रा ने बताया कि इस मामले में पाबंद किए गए लोगों में समाजवादी पार्टी के संभल सांसद जिया उर रहमान बर्क के पिता ममलुकुर रहमान बर्क भी शामिल हैं.
अदालत ने दिया था जामा मस्जिद के सर्वेक्षण करने का आदेश
याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने मस्जिद का सर्वेक्षण करने के लिए एडवोकेट कमीशन के गठन का आदेश दिया है. न्यायालय ने कहा है कि आयोग के माध्यम से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वेक्षण करने के बाद रिपोर्ट दाखिल की जानी चाहिए. पिछले मंगलवार को कहा कि मस्जिद से संबंधित याचिका में केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार, मस्जिद समिति और संभल के जिला मजिस्ट्रेट को पक्ष बनाया गया है.