…ऐसा जोश, ऐसा जुनून देखा है कहीं : OPS के रंग में रंग गया रांची…पोस्टर, बैनर और झंडों का दिख रहा सड़कों पर सैलाब
…तो आज पुरानी पेंशन बहाल हो जायेगी ?
आज मुख्यमंत्री OPS का ऐलान कर देंगे ?
महासम्मेलन में आज महामुराद पूरी हो जायेगी ?
….ये सवाल भी है और उम्मीद भी..लिहाजा रांची के मोहराबादी मैदान की तरफ बढ़ते हर कदम में जोश भी है और आंखों में जुनून भी ।
दिल में यही ख्वाहिश की संघर्ष को आज ही आखिरी पड़ाव मिल जाये। आज ही पुरानी पेंशन की लड़ाई अंजाम तक पहुंच जाये। प्रदेश के कोने-कोने से निकला कर्मचारियों के काफिले की आज एक ही मंजिल है, रांची का मोहराबादी मैदान।
कोई बस से आ रहा…तो कोई ट्रेन से पहुंचा है….कोई अपनी कार से सैंकड़ों किलोमीटर का सफर कर आया है…..तो किसी ने बाइक को महासम्मेलन तक का हमसफर बना लिया है। कहां मिलेगा ऐसा जोश….कहां दिखेगा ऐसा जुनून… जो आज रांची की सड़कों पर दिख रहा है। रांची की सुबह अलसायी सड़कों पर आज मानों NMOPS का सैलाब आ गया है।
कहीं बैनर वाले घोष बाबू दिख रहे हैं…तो कहीं पोस्टर लिए पाल साहब….कहीं झंडा ताने सिंह साहब नजर आ रहे हैं…तो कहीं गले में गमछा लटकाये मंडल जी दिख रहे हैं…..कमाल हो गया है साहब आज तो। आज ना कोई साहब है और ना कोई चपरासी….NMOPS की टोपी पहनकर आज तो हर कोई बराबर बन गया है।
OPS की जंग ने आज हर फासला मिटा दिया है। जहां चपरासी बैठा है, उसके बगल में साहब भी बैठे हैं…..जो नारा सफाईकर्मचारी लगा रहा, वहीं नारा साहब भी दोहरा रहे हैं। यहां अधिकार की लड़ाई में आज सब बराबर हो गये हैं। ना कोई किसी सर और ना ही कोई किसी का पियून। यहां आये भी तो इसलिए हैं ना….सभी को बराबर का हक मिले…सभी को बराबर का अधिकार मिले।
मोहराबादी में आज कार्यक्रम तो 2 बजे से शबाब पर चढ़ेगा, जब मुख्यमंत्री के कदम महासम्मेलन के महामंच पर पड़ेंगे, लेकिन सुबह से ही मोहराबादी जयघोष के रणबांकुरों से पट गया है। पहले दावा किया गया कि 50 हजार की भीड़ आयेगी, तो लगा मजाक कर रहा कोई। भला, किसी आंदोलन इतनी भी भीड़ आती है क्या ? ….लेकिन कहते हैं ना जब बात भविष्य की अनिश्चितताओं की हो….जब बात अपने अधिकार की हो….जब बात अपने स्वाभिमान की हो तो इंसान के रगों में खून नहीं जुनून दौड़ता है। ठीक वैसा ही जुनून जो आज झारखंड के हर कर्मचारियों में दौड़ रहा है।
उम्मीद यही है कि आज का दिन मोहराबादी मैदान झारखंड के कर्मचारियों के लिए यादगार बन जायेगा। फुटबाल मैदान पर एक इतिहास लिखा जायेगा, जिसके साक्षी हजारों कर्मचारी होंगे…..