विरोध मार्च के नाम पर शिक्षकों को गुमराह करने का शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने लगाया आरोप
रांची झारखंड प्रदेश शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संयोजक विजय बहादुर सिंह, अमीन अहमद, प्रेम प्रसाद राणा ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि वर्तमान परिस्थिति में राज्य सरकार कई नीतिगत फैसले राज्य कर्मियों के हित में ले रही है। वैसी परिस्थिति मे सूबे के शिक्षकों को सरकार का सहयोग करना आवश्यक प्रतीत होता है । विरोध मार्च का आयोजन तब होना चाहिए जब सरकार की और से सुनवाई न हो। कुछ संघ सिर्फ अपना हित की बात कर रहे हैं, शिक्षकों को गुमराह कर रहे हैं । आज शिक्षक एक बार फिर से अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं।
जबकि झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य कर्मियों के समस्याओं के प्रति गंभीर माने जाते हैं। जल्द ही झारखंड प्रदेश शिक्षक संघर्ष मोर्चा शिक्षकों की सेवानिवृति उम्र सीमा 60 से 62 करने, छठे वेतनमान की अनुशंसा के अनुरूप पे फिक्सेशन का लाभ, एमएसीपी एवं अन्य मांगों की पूर्ति एव्ं शिक्षा हित में राज्य के शिक्षकों एव्ं छात्रों के विभिन्न समस्याओं के निदान के लिए यथाशीघ्र माननीय मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री एव्ं शिक्षा सचिव से मिलकर वार्ता करेगी।
भवदीय
झारखंड प्रदेश शिक्षक संघर्ष मोर्चा।