झटका : युवती की हत्या मामले में निर्दोष युवक को जेल में रखने पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 5 लाख मुआवजा देने का दिया निर्देश
रांची । झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्दोष युवक को हत्या के एक मामले में जेल में बंद रखने पर जुर्माना लगाया है। युवक को 5 लाख का मुआवजा देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है. कोर्ट ने पुलिस के अनुसंधान पर सवाल उठाते हुए मौखिक तौर पर कहा कि पुलिस की जांच सही नहीं रही. निर्दोष युवक को बिना वजह जेल में रहना पड़ा जो कतई उचित नहीं है।
क्या है मामला
हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति एसके द्विवेदी की कोर्ट ने प्रार्थी अजीत कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए 5 लाख मुआवजा देने का निर्देश दिया है. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता आकाशदीप ने पक्ष रखा। जिस प्रीति नाम की युवती की हत्या के मामले में अजीत को 4 माह तक जेल में रहना पड़ा, वह युवती बाद में सकुशल लौटी थी.
जिसके बाद कोर्ट के हस्तक्षेप से युवक जेल से बाहर निकल पाया था. प्रार्थी अजीत कुमार ने बेवजह हत्या के मामले में जेल भेजे जाने पर मुआवजा देने और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई आग्रह कोर्ट से किया था. मालूम हो कि 15 फरवरी 2014 को रांची के चुटिया की रहनेवाली प्रीति नाम की युवती गायब हो गयी थी.
पुलिस के अनुसार घटना के दूसरे दिन 16 फरवरी 2014 को कथित तौर पर बुंडू थाना क्षेत्र स्थित मांझी टोली पक्की रोड के समीप उसका शव बरामद हुआ था. शव जले हुए हालत में मिला था. जिसके बाद पुलिस ने संदेह के आधार पर धुर्वा के तीन युवकों को गिरफ्तार कर 17 फरवरी 2014 को जेल भेज दिया था. मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या कर जलाने के मामले में 15 मई 2014 को आरोप पत्र दाखिल कर दिया। इस आरोप के बाद युवक को जेल में बेवजह रहना पड़ा। हाईकोर्ट ने इसे गंभीर मामला माना और पुलिसिया कारवाई पर सवाल खड़े किया।