थप्पड़ केस: थप्पड़ खाने वाले छात्र का प्राइवेट स्कूल में एडमिशन करवाएं, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा...
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि मुजफ्फरनगर जिले में अपना गृहकार्य पूरा नहीं कर पाने पर जिस छात्र को उसकी शिक्षिका के कहने पर थप्पड़ मारा गया था, उसे वहां किसी निजी स्कूल में दाखिला दिलाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा कि वह बच्चे के पैरेंट्स की पंसद के स्कूल में उसका एडमिशन करवाए। इस मामले पर अगली सुनवाई अब शुक्रवार को होगी। मुजफ्फनगर में एक मुस्लिम छात्र को कुछ छात्राओं से थप्पड़ मरवाने का एक वीडियो सामने आया था, जिसे लेकर काफी बवाल मचा था।
राज्य के शिक्षा विभाग ने न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ को बताया कि वह पीड़ित बच्चे का दाखिला सीबीएसई से संबद्ध एक निजी स्कूल में कराने पर विचार के लिए एक समिति बना रहा है। विभाग के वकील ने कहा कि उसके अधिकार क्षेत्र में केवल उत्तर प्रदेश बोर्ड से संबद्ध स्कूल हैं। ये घटना अगस्त के महीने में सामने आई थी. इस वीडियो के बाद काफी बवाल मचा था. हालांकि, आरोपी टीचर का कहना था कि उसका ऐसा कोई इरादा नहीं था. इस मामले को हिंदू-मुस्लिम एंगल से भी जोड़कर देखा गया।
न्यायमूर्ति ओका ने कहा, ‘आपको किसी बच्चे के प्रवेश के लिए किसी समिति की नियुक्ति क्यों करनी पड़ रही है? समिति क्या करेगी? अपने वरिष्ठ अधिकारियों से कहिए और वे स्कूल के प्राचार्य से बात करेंगे जो दाखिले पर विचार करेगा. अदालत के समक्ष ऐसा रुख मत अपनाइए. मुझे नहीं लगता कि मामले के तथ्यों को देखते हुए कोई विद्यालय ना करेगा. शुक्रवार तक हमें अनुपालन के बारे में जानकारी दीजिए.’
शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान यूपी सरकार से पूछा गया कि क्या बच्चे को किसी स्कूल में पढ़ने के लिए दाखिला करवाया गया है? इसके जवाब में यूपी सरकार की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि बच्चे के पिता ने सीबीएसई स्कूल में दाखिले की मांग की है. हमने इसके लिए एक कमिटी का गठन किया है. ये मामला सीबीएसी बोर्ड में दाखिले का है. राज्य बोर्ड के स्कूल में दाखिला तुरंत हो सकता है, लेकिन परिवार निजी CBSE स्कूल में एडमिशन चाहता है।
अदालत ने पीड़ित बच्चे की ओर से पेश हुए वकील से पूछा कि आप कहां दाखिला करवाना चाहते हैं? इस पर वकील ने कहा कि इस इलाके में कई अच्छे स्कूल हैं. अगर सरकार मदद करती है, तो एडमिशन मिल जाएगा. यहां ईडब्ल्यूएस सीटें भी हैं. इसके जवाब में यूपी सरकार ने कहा कि हमने कमेटी बना ली है. प्राइवेट स्कूल का मामला है. फिर अदालत ने कहा कि अगर सरकार प्राइवेट स्कूल से गुजारिश करती है, तो वे मना क्यों करेंगे. आपको इसके लिए कमेटी की क्यों जरूरत पड़ी?