...तो इसलिए डीसी नहीं हुए हाजिर : क्या कैबिनेट के नये फैसले का DC को मिला फायदा ? अब गृह सचिव के पत्नी की बारी, इधर, कैबिनेट सचिव का ED को पत्र

रांची। कैबिनेट ने ED के समन को लेकर जो फैसला लिया था, उसकी आड़ लेकर साहिबगंज के DC गुरुवार को ED के सामने हाजिर नहीं हुए। हालांकि गुरुवार की सुबह से ही इस बात की सुगबुगाहट थी, कि साहिबगंज के उपायुक्त रामनिवास यादव शायद ईडी के सामने हाजिर ना हो। शाम के बाद ये साफ हो गया कि वो अब पूछताछ के लिए नहीं आयेंगे। इधर, चर्चा है कि रामनिवास को जल्द ही ईडी की तरफ से दूसरा नोटिस जारी हो सकता है।

इधर, ED ने जमीन घोटाला मामले में गृह सचिव अविनाश कुमार की पत्नी प्रीति कुमार को दूसरा समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है। उन्हें 12 जनवरी को ED कार्यालय आने के लिए कहा गया है। इससे पहले ED ने 3 जनवरी को समन कर पूछताछ के लिए बुलाया था। ED बरियातू रोड स्थित बर्लिन अस्पताल की जमीन के संबंध में यह पूछताछ होनी है।

डीसी के ठिकानों पर हुई थी ईडी की रेड
इसी साल 3 जनवरी को ईडी ने साहिबगंज डीसी के ठिकानों पर छापेमारी की थी। कैंप कार्यालय से 7.25 लाख रुपए सहित आवासीय परिसर से 9 एमएम बोर के 19 कारतूस, .380 एमएम के 2 कारतूस और 45 पिस्टल के 5 खाली खोखे भी बरामद किये गये थे। कई खातों में अधिक ट्रांजेक्शन को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव से पूछताछ करना ईडी चाह रही थी।

कैबिनेट सचिव ने लिखा ईडी को पत्र
जानकारी मिली है कि कैबिनेट सेकरेट्री वंदना डाडेल ने ईडी को पत्र भेजकर ये जानकारी मांगी है कि मुख्यमंत्र के प्रेस सलाहकार और अन्य अधिकारियों को पूछताछ के लिए किस आधार पर बुलाया जा रहा है।

जांच एजेंसियों के समन को लेकर कैबिनेट ने ये लिया है फैसला

राज्य कर्मचारियों या अधिकारियों को अब जांच एजेंसियां कोई समन भेजती है, तो उन्हें अपने विभाग को इसकी जानकारी देनी होगी। राज्य सरकार के इस फैसले से उन अधिकारियों व कर्मचारियों को राहत मिलेगी, जो ईडी या अन्य जांच एजेंसियों के राडार पर हैं। कैबिनेट की बैठक में मंत्रिमंडल सचिवालय और निगरानी विभाग को ऐसे मामलों में नोडल विभाग बनाया है।

कैबिनेट के फैसले के मुताबिक झारखंड में ED के समन पर पदाधिकारी सीधे हाजिर होते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, संबंधित अधिकारी या कर्मचारी को इसके लिए राज्य सरकार से अनुमति लेना होगा। इस फैसले के अनुसार, अब राज्य कर्मियों को अगर कोई जांच एजेंसी समन भेजती है तो उन्हें अपने विभाग के प्रमुख को इसकी सूचना देनी होगी।

विभाग के प्रधान यह जानकारी मंत्रिमंडल सचिवालय और निगरानी विभाग को देगी।कैबिनेट में इस बात का फैसला लिया गया है कि बाहर की जांच एजेंसी अगर राज्य के कर्मचारियों को समन करती है, तो उसे लेकर SOP का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा।

जिसके तहत अगर किसी अधिकारी ये कर्मचारी को समन मिलता है, तो अपने विभाग प्रमुख के माध्यम से तुरंत इसकी सूचना मंत्रिमंडल सचिवालय और निगरानी विभाग को देंगा। जिसके बाद निगरानी विभाग की तरफ से इस मामले में लीगल एडवाइस देते हुए जो भी आगे का जरूरी कदम हो, उठाया जायेगा।

HPBL Desk
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