झारखंड : रामगढ़ में बड़ा एक्शन…महिला थाना प्रभारी श्वेता कुजूर को एसपी ने किया निलंबित, जानें वजह
Big action in Ramgarh: SP suspends women police station in-charge Shweta Kujur, know the reason

Ramgarh : रामगढ़ शहर के नईसराय, महतो टोला में पायल कुमारी के साथ लैंगिक अपराध हुआ था। इस मामले की जांच में महिला थानेदार श्वेता कुजूर ने भारी लापरवाही बरती थी। SP अजय कुमार के दिए गए निर्देशों का भी अनुपालन नहीं कर पाई थी। रामगढ़ एसपी अजय कुमार ने इस लापरवाही को बेहद गंभीर आरोप माना है। उन्होंने रविवार को स्पष्ट कर दिया कि आवेदिका के आवेदन की जांच में शिथिलता बरती गई। इसकी वजह से पायल ने अपने शरीर में आग लगा ली। इस मामले में उन्होंने महिला थानेदार प्रभारी श्वेता कुजूर को सस्पेंड कर दिया है।
SP अजय कुमार ने बताया कि पायल कुमारी के बयान पर 24 अप्रैल को महिला थाना में कांड संख्या 6/25 दर्ज किया गया था। बीएनएस की धारा 69, 352, 115 (2), 61(2) धारा के तहत सुमित कुमार, पप्पू सिंह, आलोक सिंह को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। सभी वेस्ट बोकारो ओपी के ड्राइवर हार्ट के रहने वाले हैं। उन तीनों लोगों की गिरफ्तारी के लिए एसपी ने विशेष टीम का गठन किया। जांच टीम गठित टीम के द्वारा अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए बिहार राज्य के बाढ़ और दानापुर तथा रामगढ़ जिले के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की गई। मुख्य आरोपित सुमित कुमार, पप्पू सिंह और आलोक सिंह को रामगढ़ जिले के वेस्ट बोकारो ओपी क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है।
SP अजय कुमार ने बताया कि पायल कुमारी का इल्जाम था कि उसका यौन शोषण सुमित कुमार ने शादी का झांसा देकर किया था। जब पायल को ऐसा लगा कि सुमित उसे धोखा दे रहा है, तो वह न्याय के लिए पुलिस के पास पहुंची। एसपी ने तत्काल पहल करते हुए महिला थानेदार को पूरे तथ्यों की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। महिला थाना प्रभारी लगातार टालमटोल करती रही, जिसकी वजह से पायल जन शिकायत समाधान कार्यक्रम में भी पहुंची। एसपी ने बताया कि महिला लैंगिक अपराध और पोस्को एक्ट से संबंधित कांडों का त्वरित अनुसंधान समय पर करने का निर्देश दिया गया था। महिला लैंगिक अपराध और पोस्को एक्ट से संबंधित कांडों की समीक्षा भी की गई थी। ऐसे मामलों को 60 दिनों के अंदर निष्पादित करने को कहा गया था। लेकिन इस मामले में भारी लापरवाही बरती गई।