झारखंड: लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करना बंद करें….पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार को किया सतर्क बोले, लोगों को जान गंवानी पड़ रही…

Jharkhand: Stop playing with people's lives...Former Chief Minister cautioned the government and said, people are losing their lives...

रांची। झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था की दुर्गति किसी से छुपी नहीं है। अस्पताल में डाक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही की खबरें तो आये दिन आती ही रहती है, अब एंबुलेंस सेवा की भी बद से बदतर स्थिति हो गयी है। इमरजेंसी स्थिति में समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंच रही है। पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने एंबुलेंस सर्विस की लेट लतीफी पर सवाल उठाते हुए तत्काल सरकार को इस दिशा में कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

 

पूर्व सीएम ने कहा है कि झारखंड में 108 एंबुलेंस सेवा, जो आपातकालीन चिकित्सा सहायता के लिए जनजीवन का अहम हिस्सा है, गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, एंबुलेंस के रिस्पांस टाइम में भारी देरी हो रही है। शहरों में औसतन 25 मिनट और ग्रामीण इलाकों में 40 मिनट का समय लगना तय है, लेकिन वास्तविकता इससे भी ज्यादा चिंताजनक है। कई बार कॉल करने के 60 मिनट बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंचती, जिससे मरीजों की जान जोखिम में पड़ रही है।

 

बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा कि जहां 5 मिनट की देरी में लोगों की जिंदगी और मौत तय हो जाती है, वहीं झारखंड में एंबुलेंस 20 से लेकर 30 मिनट तक देरी से पहुंच रही हैं, समय पर इलाज की सुविधा मिलने से जो मरीज ठीक भी हो सकते हैं वो भी एंबुलेंस और इलाज के अभाव में अपनी जान गंवाने को विवश हैं। राज्य में कुल 543 एंबुलेंस हैं, लेकिन इनमें से 77 एंबुलेंस खराब हालत में हैं और सेवा से बाहर हैं।

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नियमानुसार हर 21 हजार की आबादी पर एक एंबुलेंस होनी चाहिए, लेकिन झारखंड में यह औसत 34 हजार से अधिक है। खराब प्रबंधन और संसाधनों की कमी से मरीजों को समय पर मदद नहीं मिल पा रही है, जिससे परिवारजनों को अपनी जान तक गंवानी पड़ रही है। मुख्यमंत्री जी, लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करना बंद करें और तत्काल सार्थक कदम उठाकर इस संवेदनशील मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें साथ ही साथ संसाधनों एवं इलाज की पुख्ता व्यवस्था करें ताकि इलाज के अभाव में किसी भी झारखंडी की जान न जाए।

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