अंधविश्वास : भतीजी की बलि देकर प्राप्त करना चाहती थी सिद्धि, तंत्र साधना के लिए पहले भतीजी का किया अपहरण और फिर....

वेस्ट बंगाल : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आयी है. तंत्र साधना के लिए अपनी ही नाबालिग भतीजी का अपहरण कर बुआ तारापीठ मंदिर ले जाकर बलि देने की तैयारी कर रही थी, लेकिन पुलिस की तत्परता से वह सफल नहीं हो सकी. 11 साल की बच्ची को पुलिस ने चार दिन बाद रेस्क्यू कर लिया है. पुलिस ने ‘तांत्रिक’ बुआ को गिरफ्तार कर लिया है और बच्ची सकुशल अपने मां-पिता के पास लौट आई है.

परिवार के लोगों ने पुलिस को बताया कि घटनावाले दिन दोपहर में घर के बाहर ही खेल रही मामुनी सरकार नाम की बच्ची गायब हो गयी थी। परिवार के लोगों ने उसे काफी ढूंढा लेकिन बच्ची का कुछ पता नहीं चल पाया। परिजनों से लेकर दोस्तों और रिश्तेदारों के घर तक तीन दिन तक तलाश करने के बाद बच्ची के नहीं मिलने पर परिवार के लोगों ने बोलपुर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी।

लापता बच्ची की तलाश के लिए बोलपुर, शांतिनिकेतन, शांतिनिकेतन महिला थाना, पाडूई थाना के पुलिस अधिकारियों को लेकर छह सदस्यीय टीम का गठन किया गया। बोलपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) सुरजीत कुमार दे ने कहा कि पुलिस खोजी कुत्तों को लेकर जगह जगह तलाशी अभियान चलाया।

आखिरकार पर्यटकों की भीड़ के बीच नाबालिग को शनिवार रात तारापीठ इलाके से रेस्क्यू कर लिया गया। उस नाबालिग की मौसी रेखा सरकार को बच्ची के गायब करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पुलिस जांच में पाया गया कि नाबालिग की बुआ ने भतीजी को बहला फुसलाकर तारापीठ मंदिर ले गयी थी।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार रेखा तारापीठ श्मशान में तंत्र साधना करती है। तारापीठ मंदिर में वह करीब 42 साल से तंत्र साधना करती आ रही है। पूछताछ में रेखा ने बताया कि बच्ची को तंत्र साधना में और सिद्धि प्राप्त करने के लिए बलि देने की तैयारी कर रही थी।

HPBL Desk
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