26 हफ्ते में महिला को गर्भ गिराने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज

कोर्ट न्यूज । 26 हफ्ते के गर्भ गिराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को खारिज कर दिया है। प्रार्थी द्वारा 26 हफ़्ते के गर्भ को गिराने की इजाजत मांगी गई थी. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्र के बेंच ने यह फैसला सुनाया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि गर्भ 24 हफ्ते से अधिक है. अदालत ने कहा कि ऐसे में महिला को गर्भपात की इजाजत देना मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट की धारा-3 और 5 का उल्लंघन होगा.

मालूम हो की पूर्व से गर्भपात के लिए मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट लागू है जिसमें जच्चा बच्चा की सुरक्षा को देखते हुए 24 हफ्ते तक गर्भ गिराने कि अनुमति दी गई है। परंतु एक महिला ने अपने 26 हफ्ते के गर्भ को गिराने की इजाजत मांगते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. वहीं केंद्र सरकार ने अपने आवेदन में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को वापस लेने की मांग की है जिसमें महिला की याचिका को स्वीकार किया गया है.

क्या है मामला

याचिकाकर्ता एक विवाहित महिला है. उनके पहले से ही दो बच्चे हैं. वो प्रसव के बाद होने वाले मानसिक विकार से पीड़ित हैं. उनका कहना था कि वो अब मानसिक, आर्थिक और शारीरिक तौर पर तीसरे बच्चे को पालने की स्थिति में नहीं हैं.इसलिए उन्हें गर्भ गिराने कि इजाजत दी जाय।

HPBL Desk
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