अब ट्रेन नहीं होगी दुर्घटनाग्रस्त, जानिये रेलवे की क्या है प्लानिंग, अगले एक साल में पूरी तरह से बदल जायेगी ट्रेन

Railway News: रेलवे ट्रैक पर लगातार पत्थर, विस्फोटक और सिलेंडर रखने की घटना सामने आने के बाद से रेल मंत्रालय ने नई पहल शुरू की है। रेलवे अब इंजन और कोच में कैमरे लगवाएगा. इंजन के सामने और साईड में कैमरे लगेंगे.

इसके अलावा कोच के साईड और गार्ड कोच में भी कैमरे लगाए जाएंगे। एक ट्रेन में कुल 8 कैमरे लगेंगे. कैमरे के जरिए ट्रैक और ट्रैक के चारों तरफ नजर रखी जा सकेगी। तीन महीने में ये कैमरे लगने शुरू होंगें और 1 साल में पूरी तरह से लागू हो जाएगा।

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठकें कर इंजनों पर लगाए जाने एआई से लैस सीसीटीवी कैमरों की रेंज को अंतिम रूप देने पर चर्चा कर रहे हैं। रेलवे ने सुरक्षा बढ़ाने के लिए करीब 15 हजार करोड़ रुपए की लागत से कोचों और इंजनों में 75 लाख एआई-संचालित सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई है।

एआई तकनीक के कारण कैमरे पटरियों पर संदिग्ध वस्तुओं का पता लगा सकेंगे और ड्राइवरों को आपातकालीन ब्रेक लगाने के लिए सचेत करेंगे। 40,000 कोच, 14,000 लोकोमोटिव और 6000 ईएमयू को एआई-संचालिय सीसीटीवी कैमरों से लैस करने की योजना है।

ये कैमरे पटरियों पर संदिग्ध वस्तुओं का पता लगाएंगे और ड्राइवरों को इमरजेंसी ब्रेक लगाने के लिए अलर्ट करेंगे. रेल मंत्री के अनुसार, भारतीय रेलवे 40,000 कोचों, 14,000 इंजनों और 6,000 ईएमयू को AI संचालित सीसीटीवी कैमरों से लैस करने की योजना बना रहा है.

इंजन से लेकर कोच तक लैस होंगे कैमरे

एक कोच में करीब छह कैमरे होंगे, जबकि लोको पायलट को सतर्क करने के लिए हरेक लोकोमोटिव में चार कैमरे होंगे। पटरी पर संदिग्ध वस्तु का पता लगाने के लिए इंजन के सामने की ओर हाइ रिजॉल्यूशन कैमरे लगाने की योजना है। इसके लिए अक्टूबर में निविदा जारी होने के आसार हैं।

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लडार तकनीक के उपयोग पर मंथन

रेलवे इंजन पर एआई-आधारित सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (लडार) जैसी तकनीक के उपयोग के विकल्प भी तलाश रहा है। लिडार का उपयोग किसी क्षेत्र का सर्वेक्षण करने के लिए किया जाता है। विमानों में लेजर उपकरण लगाए जाते हैं।

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