हाईकोर्ट जस्टिस ने भाजपा किया ज्वाइन, कई अहम फैसलों को लेकर रह चुके हैं चर्चाओं में

Justice Rohit Arya Joins BJP: हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस रोहित आर्य भाजपा में शामिल हो गए। तीन महीने पहले वो रिटायर हुए थे। जस्टिस आर्य को भाजपा कार्यालय में एक कार्यक्रम में डॉ राघवेंद्र शर्मा ने सदस्यता दिलाई। रोहित आर्य मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस रहे हैं। जस्टिस आर्य का जन्म 1962 में हुआ था। उन्होंने 1984 में अधिवक्ता के रूप में नामांकन कराया था। उन्हें 2003 में मध्यप्रदेश हाई कोर्ट द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था।

उनके प्रमुख प्रैक्टिस क्षेत्रों में सिविल कानून, वाणिज्यिक कानून, मध्यस्थता, प्रशासनिक कानून, सेवा कानून, श्रम कानून और कर कानून शामिल थे। उन्होंने केंद्र सरकार, भारतीय स्टेट बैंक, दूरसंचार विभाग, बीएसएनएल, कर्मचारी राज्य बीमा निगम और आयकर विभाग जैसे निकायों का भी प्रतिनिधित्व किया। आर्य 2013 में हाई कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत किया गया और 2015 में स्थायी जज के रूप में शपथ दिलाई गई। वह 27 अप्रैल, 2024 को सेवानिवृत्त हुए थे।

2021 में जस्टिस आर्य ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोपी कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी और नलिन यादव को जमानत देने से इनकार कर दिया था। साल 2020 में जस्टिस आर्य ने एक महिला की शील भंग करने के आरोपी एक व्यक्ति को शिकायतकर्ता के समक्ष उपस्थित होने के लिए जमानत प्रदान की थी , ताकि वह जमानत पर रिहाई की शर्त के रूप में उसकी कलाई पर राखी बांध सके।

उन्होंने जमानत आवेदक और उसकी पत्नी को रक्षाबंधन के दिन राखी का धागा और मिठाई का डिब्बा लेकर शिकायतकर्ता के घर जाने का आदेश दिया था। शिकायतकर्ता से राखी बांधने का अनुरोध करने के अलावा, जो परंपरागत रूप से भाई-बहन के रिश्ते को दर्शाता है, आवेदक को यह वादा करने का भी आदेश दिया गया कि वह भविष्य में शिकायतकर्ता की अपनी पूरी क्षमता से रक्षा करेगा।

HPBL
HPBL  
Related Articles
Next Story