बीएड पास सहायक शिक्षकों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का आया फैसला, पढ़िये 17 पन्ने के आदेश में क्या लिखा, कई शिक्षकों की नौकरी पर मंडराया खतरा

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने प्राथमिक शिक्षक पद पर भर्ती के लिए बीएड डिग्री धारकों को अयोग्य माना है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले की आर्डर कापी अपलोड कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस फैसले को सही ठहराया है जिसमें बीएड शिक्षकों की नियुक्तियों को निरस्त किया गया है। दअसल हाईकोर्ट के फैसले का पालन नहीं होने पर डीएलएड अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी।


इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि बच्चों की क्वालिटी एजुकेशन के साथ भेदभाव नहीं किया जाए। साथ ही राज्य शासन को निर्देश दिया कि हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक ही कार्रवाई की जाए।

दरअसल, D. El. Ed प्रशिक्षित अभ्यर्थी ने हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की। इसमें बताया था कि 4 मई 2023 को सहायक शिक्षकों के तकरीबन 6500 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। 10 जून को परीक्षा हुई थी। इसमें B.Ed और डीएलएड प्रशिक्षित दोनों अभ्यर्थी शामिल हुए थे।

याचिका में बताया गया है कि प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने के लिए डीएलएड सिलेबस में विशेष ट्रेनिंग दी जाती है। जबकि BEd पाठ्यक्रम में उच्चतर कक्षाओं में पढ़ाने की ट्रेनिंग दिया जाता है। स्कूल शिक्षा विभाग ने नियमों में संशोधन कर दिया।

इसके अनुसार, सहायक शिक्षक की भर्ती में ग्रेजुएट और B.Ed या डीएलएड को अनिवार्य योग्यता के रूप में शामिल किया गया है। जबकि, BEd प्रशिक्षितों को भर्ती में शामिल करना अवैधानिक है। BEd ट्रेनिंग धारकों को प्राइमरी स्कूल के बच्चों को पढ़ाने की कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई है।




Aditya
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