“…जिस दिन तिरंगे में लिपटा मेरा बेटा आया, लगा मेरी जिंदगी सफल हो गयी” डबडबायी आंखे और कांपती जुबान से पिता ने दी शहीद बेटे को श्रद्धांजलि…समाजिक संस्था की प्रार्थना सभा में उमड़ी भीड़
….वो मेरा बेटा था…मेरा खून था…लेकिन जिस दिन से वो सेना में गया, वो देश का बेटा हो गया। मुझे गर्व है कि मैं एक बहादूर जवान का बाप था….जिस दिन वो तिरंगा में लिपटकर आया, मेरा सीना चौड़ा हो गया, मेरी जिंदगी को वो सार्थक कर दिया….आप भी अपने बच्चे को सेना में भेजिये… मेरे बेटा तो इस दुनिया से चला गया, लेकिन विश्वास दिलात हूं मेरा पोता सेना में जायेगा, मैं उसे देश सेवा में भेजूंगा
गोबिंदपुर(धनबाद)। जुबां कांप रही थी…आंखें डबडबायी हुई थी…पर फिर भी मस्तक ऊंचा…सीना चौड़ा था….एक शहीद का शेरदिल पिता बता रहा था कि बेटे की शहादत का उसे गम नहीं, बल्कि गर्व दिया है। उसने अपनी मां की कोख को सार्थक किया…इस माटी का कर्ज उतारा है, देश सेवा में वीरगति को पाया है। गोविंदपुर हिंद नगर के रविशंकर साव की शहादत का आज सातवां दिन था। सातवें दिन सामाजिक संस्था विकास फोरम और लांयस क्लब के साथ-साथ ग्राम पंचायत करमाटांड के मुखिया के संयुक्त तत्वाधान में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में गोविंदवासियों की तरफ से शहीद रविंशंकर साव को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी। इस मौके पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के साथ-साथ शहीद के सम्मान में लोगों ने अपने-अपने वक्तव्य दिये। इस मौके पर देशभक्ति गीतों से भी शहीद को श्रद्धांजलि दी गयी। इस मौके पर हिंद नगर के काफी गणमान्य लोगों के अलावे विकास फोरम और लायंस क्लब संस्था के साथ-साथ ग्राम पंचायत करमाटांड के काफी सारे लोग मौजूद थे।
आपको बता दें कि 5 जून को असम में भारत-बांग्लादेश बोर्डर पर गोकुलनगर में तैनात रविशंकर साव ड्यूटी के दौरान एक हादसे का शिकार हो गये।
करंट की चपेट में आने से जवान रविशंकर साव गंभीर हो गये, जिसके बाद उन्हें अस्तपाल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। 7 जून को रविशंकर साव का पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।