JSSC CGL का प्रश्नपत्र सेट करने वाली प्रोफेसर का पति खुद परीक्षार्थी, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल बोले, सीट बेचना, अब और पुख्ता

The husband of the professor who set the question paper of JSSC CGL is himself a candidate, former Chief Minister Babulal said, selling seats is now more confirmed.

JSSC CGL News: झारखंड सीजीएल विवाद को लेकर हर दिन चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। खुलासा हुआ है कि जिस महिला प्रोफेसर ने प्रश्न पत्र सेट किया था, उसका पति खुद भी परीक्षा दे रहा था। इधर एसआईटी की तरफ से शुरू हुई जांच में प्रश्न पत्र तैयार करने वाली एजेंसी सतवत इंफोसोल प्रा. लि और जेएसएससी की लापरवाही भी सामने आ रही है।

कई स्तर पर लापरवाही उजागर 

जांच रिपोर्ट में कई गड़बड़िया भी उजागर हुई है, कहा जा रहा है कि प्रश्न पत्र को लेकर जिस तरह की गोपनीयता बरती जानी चाहिये थी, वैसी नहीं बरती गयी। प्रिंटिस प्रेस से लेकर ट्रेजरी तक के दौरान सिक्युरिटी लैप्स के कई चरण रहे। लेकिन सबसे अहम बात ये है कि पंचपरगनिया भाषा का पेपर जिस अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसर सबिता ने सेट किया, उसका पति खुद ही भी सीजीएल का परीक्षार्थी था।

आरोपों के घेरे में एजेंसी और आयोग 

जानकारी के मुताबिक क्योश्चन पेपर का कार्डिनेशन कंपनी का मैनेजर तन्मय कुमार कर रहे थे। क्योश्चन पेपर तैयार कर रही एक और प्रोफेसर अंजुलता ने बताया कि उसने नागपुरी का पेपर तैयार किया था, लेकिन जब उसने क्योश्चन पेपर मैनेजर को दिया, तो वो सीलबंद नहीं था।

बाबूलाल मरांडी ने साधा निशाना 

इधर JSSC-CGL परीक्षा मामले में गड़बड़ी के खुलासे के बाद राजनीति भी गरमा गयी है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि एसआईटी की रिपोर्ट ने सीट बेचने की आशंका को और पुख्ता कर दिया है। प्रश्न पत्र सेट करने से लेकर इसके प्रिंटिंग, परिवहन और रखरखाव में घोर लापरवाही बरती गई है।

9 की मौत : शॉपिंग मॉल में अंधाधुंध फायरिंग, 9 लोगों की मौत, 7 की हालत गंभीर, पुलिस ने हमलावर को किया ढेर

फिर की सीबीआई जांच की मांग 

CGL परीक्षा का प्रश्नपत्र सेट करने वाली महिला प्रोफेसर का पति खुद परीक्षा में अभ्यर्थी था। एसआईटी के खुलासे दर्शाते हैं कि किस कदर पारदर्शिता की धज्जियां उड़ाई गई है। इतनी घोर लापरवाही, छात्रों का विरोध और न्यायालय में मामला लंबित होने के बाद भी आनन-फानन में रिजल्ट जारी कर हेमंत सरकार ने सरकार ने लाखों मेहनती परीक्षार्थियों के भविष्य के साथ जानबुझकर खिलवाड़ किया है।

उच्च न्यायालय की सख्ती के बाद CGL परीक्षा में हुए घोटाले की परतें एक-एक कर उजागर हो रही हैं, जिससे पूरी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और लापरवाही की सच्चाई सामने आ रही है। लाखों मेहनती छात्रों का भविष्य अधर में है, उन्हें न्याय दिलाने की पहल करना सरकार की जिम्मेदारी है। हेमंत जी, यदि आपके भीतर थोड़ी भी नैतिकता बची है, तो इस घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश करिए।

Related Articles

close