झारखंड नियमितकरण की खबर: अनुबंधित कर्मचारियों के नियमितिकरण को लेकर मुख्यमंत्री को भेजा पत्र, बंधु तिर्की ने कर दी ये मांग, कहा…
News of Jharkhand regularization: Letter sent to the Chief Minister regarding regularization of contractual employees, Bandhu Tirkey made this demand, said...

रांची : झारखंड में कर्मचारियों के नियमितिकरण को लेकर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। बंधु तिर्की ने सीएम सोरेन से आग्रह किया है कि यदि वैसी आउटसोर्सिंग कंपनियों पर सख्त पाबंदी लगाते हुए वैसे अनुबंधित कर्मचारियों एवं श्रमिकों की सीधी नियुक्ति करने की संभावनाओं पर ध्यान देते हुए सकारात्मक कदम उठायें।
उन्होंने कहा है कि जबतक ऐसा नहीं होता है तब तक वैसी आउटसोर्सिंग कंपनियों पर सख्त निगरानी बरती जाये। पूर्व मंत्री, झारखण्ड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य और झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने राज्य सरकार से अपील की है कि वह अपने विभिन्न कार्यालयों के साथ ही अपने अधीनस्थ सभी निगम, बोर्ड आदि में भी चतुर्थ वर्गीय पदों पर कर्मचारियों एवं श्रमिकों की सीधी और पूर्ण नियुक्ति करे।
बंधु तिर्की ने कहा कि आउटसोर्सिंग कंपनियों के माध्यम से उपलब्ध कराये गये अनुबंधित कर्मियों को नियमित करे। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र भी भेजा है। पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा है कि राज्य सरकार के विभिन्न कार्यालय के साथ ही विभिन्न निगमों, प्राधिकार, बोर्ड आदि में बड़ी संख्या में चतुर्थ वर्गीय पदों पर वैसे कामगार और कर्मचारी कार्यरत हैं।
ये तमाम कर्मचारी लंबे समय से नियमित नहीं है, उनमें से अधिकांश आउटसोर्सिंग कंपनियों के माध्यम से उपलब्ध कराये गये अनुबंधित कर्मी हैं, जो रोजगार के अभाव एवं गरीबी के कारण वैसी आउटसोर्स कंपनियों के माध्यम से अनुबंधित होते हैं और अपने दायित्वों का निर्वहन करते हैं।
बंधु तिर्की ने कहा कि वैसे श्रमिकों एवं कर्मचारियों को निर्धारित पारिश्रमिक या वेतन की अपेक्षा काफी कम पारिश्रमिक या वेतन का भुगतान किया जाता है और वैसे लोग किसी से शिकायत करने की स्थिति में भी अपने-आपको असहाय पाते हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि ऐसे कार्यों में कार्यरत अधिकांश आउटसोर्सिंग कंपनियां वैसे अनुबंधित कर्मचारियों एवं श्रमिकों को निर्धारित राशि की बजाय बहुत कम राशि का भुगतान करती है।
इसके साथ-साथ वैसे कर्मचारियों की अनुबंध के आधार पर नियुक्ति से पूर्व उनसे अवैध रूप से मोटी रकम की भी मांग की जाती है जिसे देने में वे असमर्थ तो होते हैं लेकिन हर महीने रोजगार की लालच में वे जैसे-तैसे उस अवैध मोटी रकम का भुगतान आउटसोर्सिंग कंपनी या उसके दलालों, बिचौलियों आदि को करते हैं क्योंकि वे वैसे अवसर को पाना चाहते हैं।