सरकारी शिक्षकों को बड़ा झटका: गृह जिले में ट्रांसफर में अड़ंगा, विभाग के रवैए से संशय की स्थिति…….

रांची: प्राथमिक शिक्षकों का अंतर जिला स्थानांतरण खटाई में पड़ती दिख रही है। अंतर जिला स्थानांतरण में 12 जिले के पदाधिकारी अपनी रूचि नहीं दिखा रहे हैं। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय बार-बार इन बातों को संज्ञान दिलाया है एवं 21 सितंबर तक सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों से जिला शिक्षा समिति की स्वीकृति लेकर प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा था। एक दर्जन जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षक ने अभी तक इस संबंध में कोई प्रस्ताव प्राथमिक शिक्षा निदेशालय को उपलब्ध नहीं कराया है।

किन किन जिलों में नहीं दिया प्रस्ताव

लोहरदगा

सिमडेगा

धनबाद

गिरिडीह

रामगढ़

लातेहार

बोकारो

पश्चिमी सिंहभूम

पूर्वी सिंहभूम

पलामू

खूंटी

गोड्डा

शिक्षा निदेशालय ने फिर दी डेड लाइन

प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने जिलों से प्राप्त आवेदन पर अनुमोदन देने हेतु 14 अक्टूबर को निदेशालय स्तर पर गठित समिति की बैठक बुलाई है। इसे लेकर इन 12 जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षक को फिर से 2 दिनों में शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण का प्रस्ताव देने को कहा है। ताकि उन पर निर्णय लिया जा सके। मालूम हो कि स्थानांतरण नीति के तहत शिक्षकों का अंतर जिला स्थानांतरण जिला शिक्षा समिति की अनुशंसा पर प्राथमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा किया जाना है।

अंतर जिला स्थानांतरण का शिक्षक कर रहे इंतजार

प्राथमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा अंतर जिला स्थानांतरण करने के निर्णय पर प्राथमिक शिक्षक में काफी हर्ष है, परंतु 12 जिलों का प्रस्ताव नहीं देने से शिक्षकों में निराशा हो रही है। बार बार संघ की मांग पर अंतर जिला स्थानांतरण करने का निर्णय लिया गया है, ताकि दूरदराज एरिया में पदस्थापित शिक्षक अपने गृह जिला में पदस्थापित होकर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करते हुए कार्य निष्पादन कर सकें।

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