धनतेरस पर झाड़ू खरीदने की है प्राचीन परंपरा, जानिए इसके पीछे की प्रमुख वजह
नई दिल्ली। धनतेरस का पूजा त्योहार इस बार 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा अर्चना की जाती है। धनतेरस से ही दीपों के त्योहार दिवाली की शुरुआत हो जाती है। यह त्योहार प्रमुख तौर पर भगवान धन्वंतरी को समर्पित होता है। इस दिन कुछ विशेष चीजों को खरीदने की परंपरा है।
पुराणों में बताया गया है कि भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। धनतेरस के दिन पीतल और चांदी की धातु खरीदने की प्राचीन परंपरा रही है। इसके अलावा धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना भी शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं आखिर धनतेरस पर झाड़ू क्यों खरीदी जाती है। बने रहिए hpbl के साथ…..
धनतेरस पर झाड़ू खरीदने की परंपरा
धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने की प्राचीन परंपरा है। पुराणों में कहा गया है कि धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से घर में लक्ष्मी का वास होता है और आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा यह भी प्रथा है कि जब भी घर में झाडू लाएं तो उस पर सफेद रंग का धागा बांध दें जिससे मां लक्ष्मी आपके घर में बनी रहे।
धनतेरस पर खरीदें तीन झाड़ू
पुराणों के अनुसार, धनतेरस के दिन एक नहीं बल्कि तीन झाड़ू खरीदनी चाहिए। इसके अलावा धनतेरस पर खरीदी गई झाड़ू से दिवाली के दिन मंदिर में साफ सफाई करना भी शुभ माना जाता है। धनतेरस पर रविवार और मंगलवार को झाड़ू नहीं खरीदने की भी परंपरा है।