इन 26 मेडिसिन से है कैंसर का खतरा: सरकार ने इन दवाओं को ‘आवश्यक’ सूची से हटाया

नई दिल्ली: कैंसर के खतरे को देखते हुए सरकार ने प्रसिद्ध एंटासिड सॉल्ट रैनिटिडिन को जरूरी दवाओं की लिस्ट से हटा दिया है। इस दवा को मिलाकर कुल 26 मेडिसिन लिस्ट से हटाई गई हैं।
रैनिटिडीन (Ranitidine) को मुख्य रूप से एसीलोक (Aciloc), जिनेटैक (Zinetac) और रैंटैक (Rantac) ब्रांड के नाम से बेचा जाता है। इन दवाओं का इस्तेमाल आमतौर पर एसिडिटी और पेट दर्द से जुड़ी बीमारियों के लिए किया जाता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को जरूरी दवाओं की नई राष्ट्रीय सूची (NLEM) जारी की। इसमें 384 दवाएं शामिल हैं, जिन 26 दवाओं को लिस्ट से हटाया दिया गया है, वे अब बाजार में उपलब्ध नहीं होंगी।
बता दें कि रैनिटिडिन कैंसर से संबंधित चिंताओं के लिए दुनिया भर में जांच के दायरे में है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत के औषधि महानियंत्रक और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के साथ साल्ट (फॉर्मूले) को आवश्यक स्टॉक से बाहर निकालने के बारे में विवरण पर चर्चा की थी।
इसकी जांच 2019 से चल रही है, जब अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन को दवा में कैंसर पैदा करने की आशंका वाली गड़बड़ी मिली थी। दवा नियामकों ने रैनिटिडिन युक्त दवाओं के नमूनों में कैंसर पैदा करने वाली गड़बड़ी एन-नाइट्रोसोडिमिथाइलमाइन (एनडीएमए) को ‘अस्वीकार्य स्तर’ पर पाया था।
इन 26 दवाओं को हटाया गया
1. अल्टेप्लेस
2. एटेनोलोल
3. ब्लीचिंग पाउडर
4. कैप्रोमाइसिन
5. सेट्रिमाइड
6. क्लोरफेनिरामाइन
7. दिलोक्सैनाइड फ्यूरोएट
8. डिमेरकाप्रोलो
9. एरिथ्रोमाइसिन
10. एथिनिल एस्ट्राडियोल
11. एथिनिल एस्ट्राडियोल (ए) नोरेथिस्टरोन (बी)
12. गैनिक्लोविर
13. कनामाइसिन
14. लैमिवुडिन (ए) + नेविरापीन (बी) + स्टावूडीन (सी)
15. लेफ्लुनोमाइड
16. मेथिल्डोपा
17. निकोटिनामाइड
18. पेगीलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा 2ए, पेगीलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा 2बी
19. पेंटामिडाइन
20. प्रिलोकेन (ए) + लिग्नोकेन (बी)
21. प्रोकार्बाज़िन
22. रैनिटिडीन
23. रिफाब्यूटिन
24. स्टावूडीन (ए) + लैमिवुडिन (बी)
25. सुक्रालफेट
26. सफेद पेट्रोलेटम