सेना के लिए खुलेगी भारत सरकार की तिजोरी, Budget 2025 में हो सकती हैं ये घोषणाएं
Budget 2025: सेना के लिए खुलेगी भारत सरकार की तिजोरी, Budget 2025 में हो सकती हैं ये घोषणाएं
पिछले कई सालों की तरह इस बार भी आम बजट में जीडीपी में डिफेंस की हिस्सेदारी में कोई खास बढ़ोत्तरी नहीं होने वाली है. पिछली बार जीडीपी की 2.4 फीसदी डिफेंस के लिए देना तय किया गया था.
इस बार भी डिफेंस का शेयर जीडीपी के 1.9 फीसदी से दो फीसदी के बीच रहने वाला है. इसका मतलब यह नहीं है कि रक्षा क्षेत्र की मजबूती पर भारत सरकार का ध्यान नहीं है या इसे इग्नोर किया जा रहा है. यह भी नहीं है कि खर्च नहीं बढ़ाने के कारण डिफेंस सेक्टर की मजबूती प्रभावित हो रही है, बल्कि सच्चाई इसके उलट है.
Budget 2025: रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर हो रहा भारत, कम हो रही लागत
रक्षा उत्पादन में बजट हाल के दिनों में बहुत अधिक नहीं बढ़ाने का एक कारण यह भी है कि भारत धीरे-धीरे रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर हो रहा है. यहां तक कि रक्षा सौदों में निर्यात भी कर रहा है. देश में ही हाईटेक मारक हथियार बनने के कारण उनकी लागत कम पड़ रही है. देश में कम बजट में बन रहे हथियार भी धरती और पानी से लेकर आसमान तक में दुश्मन को मार गिराने में सक्षम हैं.
इस कारण भारत केवल उन्हीं हथियारों, रक्षा उपकरणों या डिफेंस टेक्नोलॉजी का आयात करता है, जिन्हें भारतीय वैज्ञानिक या डिफेंस इंजीनियर अभी तक विकसित नहीं कर पाए हैं. इस कारण विदेश से रक्षा आयात में कमी आने के कारण रक्षा बजट में बहुत अधिक बढ़ोत्तरी नहीं होने पर भी भारतीय सेना अधिक ताकतवर हो रही है.
Budget 2025: दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रक्षा बजट है भारत का
चीन, अमेरिका और रूस के बाद दुनिया में चौथा सबसे बड़ा रक्षा बजट भारत का है. हालांकि भारत से अधिक रक्षा बजट वाले तीनों देशों का अधिकतर खर्च एडवांस टेक्नोलॉजी जैसे आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस या साइबर वारफेयर पर होता है. भारत में रक्षा बजट का बड़ा हिस्सा मॉडर्नाइजेशन और आर्म्ड फोर्स पर्सनल पर खर्च होता है. हालांकि, हाल के दिनों में चीन से बढ़ते खतरे के कारण भारत ने साइबर वारफेयर और एआई आधारित एडवांस डिफेंस टेक्नोलॉजी से निपटने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल शुरू की है.