दुर्भाग्यजनक है ये! स्ट्रेचर का इंतजार करता रह गया मरीज...और अस्पताल की चौखट पर तड़प तड़प कर मरीज की हो गई मौत
रांची। सामने अस्पताल था... अस्पताल की चौखट पर तड़पता हुआ मरीज था... अस्पताल में दवाईयों का जखीरा था, लेकिन नहीं था, तो मरीज का इलाज करने वाला कोई डॉक्टर। इससे बड़ी विडंबना और क्या होगी कि अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टर के इंतजार में मरीज ने तड़प तड़प कर अस्पताल की चौखट पर दम तोड़ दिया। मामला झारखंड की राजधानी रांची के सबसे बड़े ट्रामा सेंटर रिम्स का है।
दरअसल नामकुम में बाइक सवार एक युवक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया था। घायल को लेकर तत्काल रिम्स ट्रामा सेंटर पहुंचा गया, लेकिन अस्पताल में उस मरीज के दर्द के साथ दवा देने वालों ने ही बेरहम मजाक कर दिया। ना तो वक्त पर ट्रॉली मेन पहुंचा और ना ही अस्पताल में डॉक्टर मौजूद रहे। जब 15 मिनट तक कोई ट्रॉली लेकर मरीज को अस्पताल के भीतर दाखिल कराने वाला नहीं पहुंचा, तो झल्लाए पुलिस कर्मी ने वार्ड बॉय को फटकार लगाई।फटकार के बाद वार्ड बॉय किसी तरह घायल को अंदर तो ले गया, लेकिन वहां पर कोई उस मरीज का इलाज करने वाला डॉक्टर ही मौजूद नहीं था।
आलम यह हुआ कि तड़प तड़प कर मरीज की मौत हो गई। इससे बड़ी विडंबना और क्या होगी कि अस्पताल के मरीज की मौत हो गई और इलाज करने वाले डॉक्टर मौके से नदारद रहे। रिम्स को लेकर हमेशा इस बात की शिकायत रही है कि रात के वक्त डॉक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं रहते हैं। अस्पताल में दक्ष पैरामेडिकल स्टाफ की भी कमी होती है। लिहाजा, रिम्स अस्पताल खुद ही स्ट्रेचर पर नजर आ रहा है। ऐसे में राज्य के सबसे बड़े ट्रामा सेंटर का जब ये आलम है तो अन्य जगह पर क्या हालत होगी। इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।