CM हेमंत के वो 10 घंटे : ED को ज्यादातर सवालों का जवाब “मुझे नहीं मालूम” “इससे मेरा लेना देना नहीं” “इसमें कुछ नहीं कहना” के रूप में मिला…..कई सवालों पर खीजे भी, एक ही सवाल अलग-अलग दोहराते रहे अफसर…

रांची। 10 घंटे की पूछताछ के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ED दफ्तर से धीर-गंभीर मुद्रा में बाहर निकले। अंदर चले सवालों के तीखे बाण का असर चेहरे पर साफ नजर आ रहा था। सवाल जवाब का ब्योरा ना तो ED की तरफ से आया और ना ही हेमंत सोरेन के हवाले से मिली, लेकिन जो सूत्रों के हवाले से जानकारी आयी उसे मुताबिक ED दफ्तर में बिताये मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के 10 घंटे में करीब 9 से सवा 9 घंटे तक उनसे पूछताछ होती रही। बीच में कुछ वक्त लंच का रहा। वहीं बीच-बीच में कुछ अधिकारी भी बदलते रहे, लेकिन सवाल का एक ही निचोड़ था कि घोटाला कैसे हुआ ? किस-किस को फायदा हुआ ? कितनी हिस्सेदारी किसकी रही?

कई सवालों पर मुख्यमंत्री झल्ला भी गये, लेकिन सवालों का पैनापन ED की तरफ से कम नहीं हुआ। इससे पहले रांची के एयरपोर्ट रोड स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में सुबह करीब 11.55 बजे ईडी के दफ्तर में घुसे और देर रात 10 बजे पत्नी कल्पना सोरेन के साथ बाहर निकले। पूछताछ में ED ने साफ कहा कि उनकी जांच का दायरा रॉयल्टी चोरी का नहीं है, बल्कि 1000 करोड़ की अवैध माइनिंग का है। लिहाजा 1000 करोड़ के अवैध खनन सहित विभिन्न मुद्दों पर मुख्यमंत्री ने तीन पन्नों का जवाब तैयार किया था, वो उत्तर ED की पूछताछ में बेकार हो गया। ED साहेबगंज में हुई 1000 करोड़ के अवैध खनन को लेकर सवाल पूछती रही ।

ईडी के तीन अफसरों ने बारी-बारी से पूछताछ की, दो अफसरों के पास सवालों की लिस्ट और एक के पास उन सवालों से जुड़े दस्तावेज थे, लिहाजा जवाब को लेकर कई बार काउंटर किया गया। कई बार एक ही सवाल पर मुख्यमंत्री खीज भी गये, लेकिन ईडी के अफसरों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। ईडी ने दिनभर चली पूछताछ में मुख्यमंत्री से उनकी संपत्ति का हिसाब भी मांगा। मुख्यमंत्री ने कहां कितनी चल-अचल संपत्ति बनाई, इसपर भी कई सवाल दागे, जिसका मुख्यमंत्री ने जवाब भी दिया है। बताया जाता है कि ईडी उनके जवाब से संतुष्ट नहीं है।

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पूछताछ के दौरान कई ईडी के अफसरों ने पंकज मिश्रा, निलंबित आइएएस पूजा सिंघल, प्रेम प्रकाश व अमित अग्रवाल सहित अन्य लोगों से जुड़े सवाल भी किये। माइनिंग को लेकर अफसरों की पोस्टिंग पर भी सवाल पूछे गये। किस तरह से लीज दिया जाता है। ईडी जिस तरह से सवालों को पूछ रही थी, उससे एक बात साफ था कि उन्हें इस पूरे मामले की तह तक की जानकारी है, जिसका साक्ष्य भी उन्होंने जुटा लिया है। ईडी द्वारा विगत सात माह से राज्य के विभिन्न जिले में छापेमारी जब्त किये गये दस्तावेज को भी ईडी कार्यालय लाया गया। जानकारी के अनुसार ईडी के अधिकारी ने सीएम से पूछताछ के दौरान दस्तावेज को दिखाकर जवाब मांगा गया. हालांकि सीएम की ओर से कोई संतोषजनक जवाब ईडी को नही मिल सका। हालांकि ज्यादातर सवालों का जवाब हेमंत सोरेन ने नहीं जानकारी है… मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं… जैसे जवावों से टालते रहे। ऐसे में दोबारा से मुख्यमंत्री को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।

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