झारखंड : वक्फ बोर्ड बिल के खिलाफ मुस्लिम समाज का जोरदार विरोध…जामताड़ा में हजारों लोग सड़कों पर…सरकार से बिल वापस लेने की मांग

Jharkhand: Strong protest by Muslim community against Wakf Board Bill... Thousands of people on the streets in Jamtara... Demand to withdraw the bill from the government

केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए वक्फ बोर्ड बिल के खिलाफ जामताड़ा में मुस्लिम समाज ने मंगलवार को जोरदार प्रदर्शन किया। मुस्लिम मंच के आह्वान पर आयोजित इस विशाल जन आक्रोश रैली में हजारों लोग शामिल हुए और उन्होंने सरकार के खिलाफ तीखा विरोध जताया।



गांधी मैदान से हाफिज नाजीर हुसैन के नेतृत्व में शुरू हुई यह रैली शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरती हुई अनुमंडल कार्यालय पहुंची, जहां यह एक जनसभा में तब्दील हो गई। प्रदर्शनकारियों ने काली पट्टियां बांधकर और हाथों में तख्तियां लेकर वक्फ बोर्ड बिल को रद्द करने की मांग की। सभा के दौरान मंच पर उपस्थित नेताओं ने केंद्र सरकार पर समुदाय के धार्मिक अधिकारों में हस्तक्षेप का आरोप लगाया। नेताओं का कहना था कि यह बिल न केवल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को प्रभावित करेगा, बल्कि यह मुस्लिम समाज को हाशिए पर धकेलने का एक गहरा षड्यंत्र है।

सभा को हाफिज नाजीर हुसैन, इरशाद उल हक अर्शी, अलीमुद्दीन अंसारी, डॉ. अब्दुल मन्नान अंसारी, सगीर खान, सादिक अंसारी, जसीम अंसारी, रिजवान शेख, मुख्तार अंसारी, तनवीर आलम, आफताब दिलकश, अलाउद्दीन अंसारी, मुन्ना खान सहित अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया।

वक्ताओं ने कहा कि अगर सरकार ने बिल वापस नहीं लिया, तो यह आंदोलन जामताड़ा की सीमाओं से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर जोर पकड़ लेगा। सभा के दौरान ‘नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद’, ‘अमित शाह तेरी गुंडागर्दी नहीं चलेगी’, ‘बीजेपी मुर्दाबाद’, ‘नीतीश कुमार मुर्दाबाद’ जैसे नारे लगते रहे। इससे पूरा इलाका राजनीतिक नारों की गूंज से भर गया।

वहीं प्रशासन भी पूरी सतर्कता के साथ मुस्तैद रहा। जामताड़ा थाना प्रभारी राजेश मंडल दल-बल के साथ मौके पर मौजूद रहे, जिससे शांति व्यवस्था बनी रही। गर्मी को देखते हुए मुस्लिम मंच के स्वयंसेवकों ने रैली में शामिल लोगों के लिए पानी की व्यवस्था कर सामाजिक सद्भाव का उदाहरण प्रस्तुत किया।

यह प्रदर्शन केवल एक विरोध नहीं, बल्कि मुस्लिम समाज की एकजुटता, जागरूकता और अपने अधिकारों के लिए खड़े होने की स्पष्ट चेतावनी है।

अब देश की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि केंद्र सरकार इस जनविरोध को किस तरह से देखती है और वक्फ बोर्ड बिल पर क्या रुख अपनाती है। कार्यक्रम के अंत में एक प्रतिमाधि मंडल ने राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त को ज्ञापन भी सौंपा गया।

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