170 रुपये के फर्जीवाड़े तीन पुलिस अफसरों को सजा : 18 साल पहले दर्ज हुई FIR पर कोर्ट ने सुनायी अफसरों को सजा, जानिये क्या है पूरा मामला
पीलीभीत । 18 साल पहले 170 रूपये के फर्जीवाड़ा मामले में तीन पुलिस अफसरों को सजा सुनायी गयी है। कोर्ट की ये सजा काफी चर्चाओं में है। मामला यूपी के पीलीभीत का है. जहां 2005 में लिखी FIR पर कोर्ट ने 18 साल बाद सजा सुनायी है। कोर्ट ने प्लाटून कमांडर पर कंपनी कमांडर सहित तीन को 4 वर्ष की सजा और 16 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।इधर अभियुक्तों के वकील अजय कुमार सक्सेना ने बताया कि अब वे अभियुक्तों की ओर से अपील ले कर जिला न्यायालय का रुख करेंगे।
दरअसल पीलीभीत जिले के पूरनपुर इलाके में हुई एक हत्या के मामले की जांच सीबीसीआईडी बरेली के द्वारा कि जा रही थी, जिसमे ये जानकारी आयी कि सूरज प्रसाद नाम का एक होमगार्ड ड्यूटी के दौरान 3 दिन गैरहाजिर था, लेकिन फिर भी उसने अपने प्लाटून कमांडर चुन्नीलाल, कंपनी कमांडर अब्दुल नफीस और बीओ रोशनलाल की मदद से कागजों में हेराफेरी कर दो दिन का मानदेय 170 रुपए गैरहाजिर होने के बावजूद भी सरकार को चूना लगाते हुए ले लिया।
इस मामले में 2005 में पूरनपुर में थाने में मामले की एफआईआर दर्ज की गई. मामला कोर्ट गया और मुकदमा चलने लगा। न्यायिक प्रक्रिया के दौरान होमगार्ड सूरज प्रसाद की मौत हो गई। जिसके बाद उसका नाम मामले से हटा दिया गया। अब पीलीभीत के प्रथम अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित कुमार यादव ने 3 आरोपियों चुन्नीलाल, रोशनलाल और अब्दुल नफीस को मामले में दोषी करार देते हुए सभी पर 16-16 हजार रुपए का जुर्माना और 4 साल की सजा सुनाई है।