ट्रेन एक्सीडेंट: 300 लोगों की मौत के लिए ये तीन अफसर थे कसूरवार, CBI ने तीन अफसरों के खिलाफ दायर की चार्जशीट

बालासोर। ओडिशा के बालेश्वार (बालासोर) में हुए रेल हादसे के मामले में तीन अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गयी है। सीबीआई ने कथित गैर इरादतन हत्या और सबूतों को नष्ट करने के आरोप में तीन गिरफ्तार रेलवे अधिकारियों के खिलाफ शनिवार को चार्जशीट दाखिल की है। इसमें सीनियर सेक्शन इंजीनियर (सिग्नल) अरुण कुमार महंत, सीनियर सेक्शन इंजीनियर (सिग्नल) मोहम्मद आमिर खान और टेक्नीशियन पप्पू कुमार शामिल हैं। इन लोगों पर गैर इरादतन हत्या और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया है।

इस हादसे में लगभग 290 लोग मारे गए थे और कई सौ घायल हुए थे। जुलाई में इन तीनों रेलवे कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया था। इन तीनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 304 और 201 के तहत गिरफ्तार किया गया था। इस हादसे की एक अहम वजह इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में गड़बड़ी बताई जा रही है। इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम एक ऐसी तकनीक है जिसके जरिए रेलवे की सिग्नलिंग को कंट्रोल किया जाता है।

यह ऐसी सुरक्षा प्रणाली है जो सुनिश्चित करती है कि ट्रेनों की आवाजाही बिना किसी अवरोध के होती रहे और कोई एक्सीडेंट ना हो। इंटरलॉकिंग सिस्टम के मुख्य तौर पर तीन कंपोनेंट होते हैं। पहला- पॉइंट्स, दूसरा- ट्रैक ऑक्यूपेंसी सेंसिंग डिवाइसेज और तीसरा- सिग्नल। इंटरलॉकिंग सिस्टम इन तीन कंपोनेंट्स के बीच तालमेल बिठाकर ट्रेनों के मूवमेंट को कंट्रोल रखता है। CBI का कहना है कि यह हादसा ट्रेन को सिग्नल ना मिलने की चूक के रहते हुआ है।

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भुवनेश्वर में विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दायर चार्जशीट में सीबीआई ने कहा कि जांच के दौरान पेश किए गए सबूतों के आधार पर IPC की धारा 304 पार्ट-II (गैर इरादतन हत्या), धारा 34 के साथ ही 201 ( एजेंसी के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि आरोपी के खिलाफ सामान्य इरादे से अपराध के सबूतों को गायब करना) और रेलवे अधिनियम की धारा 153 (जानबूझकर किए गए कृत्य से रेलवे यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालना) लगाई गई है.

रेलवे की हाई-लेवल जांच में हादसे की मुख्य वजह “गलत सिग्नलिंग” पाया गया था. सिग्नलिंग और दूरसंचार विभाग में “कई स्तरों पर चूक” को चिह्नित किया गया था, लेकिन संकेत दिया गया था कि अगर पिछले चेतावनी सिग्नलों की सूचना दी जाती तो त्रासदी को टाला जा सकता था. रेलवे सुरक्षा आयोग द्वारा रेलवे बोर्ड को सौंपी गई स्वतंत्र जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि सिग्नलिंग में खामियों के बावजूद अगर 2 समानांतर पटरियों को जोड़ने वाले स्विचों का “बार-बार असामान्य व्यवहार” होता तो सिग्नलिंग और दूरसंचार कर्मचारियों द्वारा जरूरी कदम उठाए जा सकते थे. बहनागा बाजार के स्टेशन प्रबंधक द्वारा उन्हें सूचना भी दी गई थी.

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