दोस्त पर मेहरबान हुए ट्रंप, PM मोदी की समर्थक को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी
अमेरिकी राष्ट्रपति-निर्वाचित डोनाल्ड ट्रम्प ने पूर्व डेमोक्रेटिक कांग्रेसवुमन और हाल ही में रिपब्लिकन पार्टी से जुड़ी टुलसी गब्बार्ड को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (DNI) के रूप में नियुक्त किया है. अपनी अनूठी दृष्टिकोण के कारण गब्बार्ड को अमेरिका-भारत रिश्तों के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है. एक लीफ्टिनेंट कर्नल, जिनके पास इराक में लड़ाई का अनुभव है, गब्बार्ड का खुफिया प्रमुख के रूप में चयन यह संकेत देता है कि ट्रम्प विदेश नीति पर अपने संकोची रुख को और मजबूत करना चाहते हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तुलसी गब्बार्ड ने इतिहास रचते हुए कांग्रेस में पहली बार हिंदू महिला प्रतिनिधि के रूप में काम किया. वे एक आजीवन शाकाहारी हैं और अपने शपथ ग्रहण में भगवद गीता का सहारा लिया.गब्बार्ड की मां, जो अमेरिका में जन्मी थीं. उन्होंने हिंदू धर्म अपनाया और गब्बार्ड को भी उसी परंपरा में पाला.गब्बार्ड का मानना है कि योग और वेदिक ज्ञान पश्चिमी दुनिया के लिए अनमोल धरोहर हैं.
PM मोदी से मुलाकात और भगवद गीता का तोहफा
2014 में, गब्बार्ड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के प्रस्ताव का समर्थन किया. उन्होंने इस पहल को संयुक्त राष्ट्र में पेश करने का वादा किया. गब्बार्ड और मोदी दोनों ने योग को केवल शारीरिक व्यायाम से अधिक, एक जीवनशैली और दृष्टिकोण के रूप में देखा जो शांति और वैश्विक चुनौतियों का समाधान कर सकता है.उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को अपनी प्रिय भगवद गीता का एक प्रति उपहार में दी थी.
कश्मीर पर गब्बार्ड का क्या है नजरिया
कश्मीर के मुद्दे पर गब्बार्ड ने इसे एक जटिल स्थिति बताया, जिसमें क्षेत्रीय और सांस्कृतिक इतिहास को समझना आवश्यक है. उनका मानना है कि कश्मीर में हाल के बदलावों ने उम्मीद और चिंता दोनों पैदा की हैं. हालांकि, उन्होंने यह साफ किया कि इस मुद्दे का समाधान भारत के अंदर से ही आना चाहिए. इसके अलाला इसे सभी पक्षों द्वारा मिलकर सुलझाया जाना चाहिए.
धार्मिक पहचान और अमेरिकी राजनीति
गब्बार्ड को अक्सर “हिंदू राष्ट्रवादी” के रूप में पेश किया जाता है, लेकिन उन्होंने इस पर जोर देते हुए इसे गलत आरोप बताया है. उनका कहना है कि धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण अपनाते हुए, उन्होंने सभी धर्मों के लोगों का समर्थन मिला हुआ है. गब्बार्ड ने यह भी चेतावनी दी कि किसी भी धर्म के खिलाफ भेदभाव और भय फैलाना समाज के लिए हानिकारक हो सकता है.
धार्मिक हिंसा और बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमला
2021 में, बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान हिंदू समुदाय पर हमले हुए, जिनकी गब्बार्ड ने कड़ी निंदा की. उन्होंने इसे धार्मिक अज्ञानता और हिंसा का परिणाम बताया और बांग्लादेश सरकार से धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपील की. गब्बार्ड का कहना है, “ईश्वर प्रेम हैं, और उनके सच्चे सेवक वही प्रेम दुनिया में दिखाते हैं.