पुलिसकर्मियों की हत्या की साजिश में शामिल दो नक्सली कोर्ट से रिहा, जानिए क्या है पूरा मामला

रांची। पुलिस की हत्या की साजिश रचने वाले दो नक्सलियों को कोर्ट ने रिहा कर दिया है। न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत में बुंडू से 2012 में पकड़े गए नक्सली गणेश सिंह मुंडा और त्रिभुवन सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। दोनों को तत्कालीन बुंडू थाना प्रभारी अरविंद कुमार सिंह, कानूराम होनाहोगा, पुलिसकर्मी बजरंग साहू, चामर सिंह और लिट्टा लोहरा ने पहचानने से इंकार कर दिया। जिसके बाद कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में दोनों को रिहा कर दिया।

2012 से 2023 तक गिरफ्तार नक्सलियों पर ट्रायल चला था साल 2012 में एसएसपी को नक्सलियों के परासी के जंगल में नक्सलियों के छुपे होने के की सूचना मिली थी। एसडीओपी शंभू प्रसाद के नेतृत्व में जब परासी जंगल में पुलिस छापेमारी करने पहुंची तो नक्सली भागने लगे। इसी दौरान पुलिस ने नक्सली त्रिभुवन सिंह मुंडा को गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर नक्सली गणेश सिंह मुंडा की गिरफ्तारी की।

मामले में प्राथमिकी दर्ज करने वाले बुंडू थानेदार सहित आठ पुलिसकर्मी गवाह थे, लेकिन कोर्ट में उसे पहचानने से इंकार कर दिया की। हालांकि गिरफ्तारी के बाद दोनो नक्सलियों ने स्वीकार किया था कि उनका दस्ता पुलिस पर बम से हमला कर हत्या करने की फिराक में था। गिरफ्तार नक्सलियों ने अपने अन्य साथियों की नाम भी बताए थे।

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