पुलिस मुख्यालय का 31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम : 10 वर्षो से लंबित मुकदमों के अनुसंधान पुरे नहीं करने वाले थानेदार पर होगी कार्रवाई...
पलामू। 10 वर्षों से अधिक समय से लंबित मुकदमों के अनुसंधान पूरे नहीं करने वाले अधिकारियों की खैर नहीं। झारखंड पुलिस मुख्यालय और डीआईजी स्तर से अनुसंधान के लिए नई गाइडलाइन जारी किए गए हैं। यदि 10 वर्षों से अधिक समय से लंबित मुकदमों के अनुसंधान 31 दिसंबर तक पूरे नहीं हुए, तो संबंधित क्षेत्र के थानेदार और अनुसंधानकर्ता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
10 वर्षों से अधिक समय से लंबित मुकदमे के अनुसंधान के लिए एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर मंगलवार को पलामू दौरे पर आने वाले थे लेकिन वे पलामू नहीं पहुंचे। आपको बता दें कि पलामू प्रमंडल में 87 मुकदमे पिछले 10 वर्षों से अधिक समय से लंबित हैं। पलामू प्रमंडल के पलामू, गढ़वा और लातेहार में मुकदमों का अनुसंधान लंबे समय से लंबित है। अधिकतर मामले सरकारी योजना में गबन और नक्सल हिंसा से जुड़े हुए हैं।
कई मुकदमे पोटा कानून से जुड़े हुए हैं जबकि पोटा कानून कब का खत्म हो गया है। सभी 87 मामले सरकार और जिला प्रशासन द्वारा अभियोजन नहीं मिलने के कारण लंबित है। 87 मामलों में 53 ऐसे मामले हैं जो सरकारी योजना की राशि गबन के हैं। जबकि 30 से अधिक नक्सली हिंसा से जुड़े हुए मामले हैं। आधा दर्जन के करीब ऐसे मामले हैं जो सीआईडी की ट्रांसफर होना है या हो गया। पुलिस के वरीय अधिकारियों द्वारा समीक्षा में पाया गया है कि सरकारी योजना के गबन संबंधी मामले में संबंधित विभाग द्वारा आरोपी अधिकारियों के नाम, पता सत्यापित नहीं किए गए हैं। मामले में पुलिस ने स्पेशल इन्वेस्टीगेशन पुलिस यूनिट का भी गठन किया है। इस माध्यम से कई मुकदमों के अनुसंधान में तेजी लाई जा रही है।