Health Tips: गरमी से गर्भस्थ शिशु की भी हो सकती है मौत, गरमी में गर्भवती महिला, बुजुर्ग और बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा, ऐसे पहचाने लक्षण

Danger of stroke in extreme heat: भीषण गरमी में पारा 50 डिग्री पहुंच गया है। इस कहर ढ़ाती गरमी में हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है। अस्पतालों में ही स्ट्रोक के मरीज पहुंचने लगे हैं। यदि होंठ सूख रहे हों, मुंह में चिपचिपाहट हो, नाक से खून आना यानी नकसीर, चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना, शरीर पर चकत्ते होना, बुखार, ज्यादा प्यास लगना, बांह व पैरों में ऐंठन जैसी स्थिति निर्मित हो तो अलर्ट हो जाना चाहिए। यह तेज गर्मी की वजह हो सकता है।

गर्मी बढ़ने से हीट स्ट्रोक का खतरा:

हीट स्ट्रोक उन खतरनाक बीमारियों में से एक है जो हाई टेंपरेचर की स्थिति में हो सकती है और गंभीर मामलों में मौत का कारण भी बन सकती है. हीट स्ट्रोक तब होता है जब शरीर का तापमान 105 डिग्री फ़ारेनहाइट (40.6 डिग्री सेल्सियस) से ऊपर बढ़ जाता है और बॉडी टेंपरेचर को कंट्रोल करने की क्षमता खो देता है.

हीट स्ट्रोक अक्सर तब होता है जब गर्मी से संबंधित अन्य बीमारियां जैसे ऐंठन और गर्मी की थकावट खतरनाक का लेवल तक बढ़ जाती है. चरम मामलों में यह किसी की जान भी ले सकता है या ब्रेन को नुकसान पहुंचा सकता है.

शिशु, बच्चे, वृद्धजन, गर्भवती महिलाओं को खासतौर पर बचाएं

बेहोशी, शरीर के तापमान में ज्यादा वृद्धि, दिल की धड़कन बढ़ना, सांस तेज होना, पसीना नहीं आना, चक्कर आना, यूरिन का रंग गहरा होना, यूरिन न आना, मतिभ्रम की स्थिति निर्मित हो तो बिना देर किए उपचार लेना चाहिए। भीषण गर्मी से शिशु, बच्चे, वृद्धजन, गर्भवती महिलाओं को खासतौर पर बचना चाहिए। गर्मी के कारण निर्मित होने वाली समस्याओं के प्रति ये अधिक संवेदनशील होते हैं।

हीट स्ट्रोक के कारण (Causes of Heat Stroke)

अक्सर लंबे समय तक गर्मी के संपर्क में रहने से हीट स्ट्रोक हो सकता है. सेट्रल नर्व्स से जुड़ी जटिलताओं के कारण शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है और इसकी ताप नियंत्रण क्षमता ख़त्म हो जाती है. इसलिए इन गर्मी के महीनों में सतर्क रहने और खुद को हाइड्रेटेड रखने की जरूरत है. अगर किसी को गर्मी, मतली, अटैक, तेज सिरदर्द या बेहोशी का अनुभव होता है, तो व्यक्ति के शरीर को ठंडा करने के लिए तुरंत कदम उठाए जाने चाहिए.

हीट स्ट्रोक को रोकने के उपाय | Ways To Prevent Heat Stroke

अपने आप को हाइड्रेटेड रखें: जब भी आप बाहर जाएं तो पानी अपने साथ रखें और लिक्विड का सेवन करते रहें.
ढीले ढाले कपड़े पहनें: ढीले ढाले कपड़े आपके शरीर को जल्दी ठंडा करते हैं.
गर्मी के समय घर के अंदर रहें: सुबह या शाम को बाहर जाना बेहतर होता है. दोपहर के समय धूप से बचें क्योंकि उस समय दिन का तापमान सबसे ज्यादा होती है.
घर को ठंड़ा रखें: अपने घर को एयर कंडिशनर की मदद से ठंडा रखें और दिनभर घर पर ही रहें.

गर्मी की थकावट के लक्षण (Symptoms of Heat Exhaustion)

गर्मी से थकावट वाले मरीजों में घबराहट, बहुत ज्यादा कमजोरी, बेहोशी, सिरदर्द, पेट में ऐंठन, मतली, उल्टी, दस्त लगातार मसल्स क्रैम्प्स भी हो सकती है.

HPBL Desk
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