कांवड़ यात्रा को लेकर सरकार का बड़ा फैसला: खाने-पीने की दुकानों पर लगानी होगी ‘नेमप्लेट

आगामी 22 जुलाई से सावन का पावन महीना शुरू हो रहा है। सावन में उत्तर प्रदेश में निकलने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर छिड़े विवादों के बीच योगी सरकार ने बड़ा फैसला ले लिया है। सरकार के फैसले के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में कावंड़ यात्रा के दौरान खाने पीने की सभी दुकानों पर दुकानदारों को अपना नेमप्लेट लगाना होगा। सीएमओ की तरफ से इसको लेकर निर्देश जारी किया गया है। CMO के इस आदेश के बाद राज्य में सियासी घमासान बढ़ना तय माना जा रहा है।


दरअसल, कांवड़ यात्रा की शुरूआत से पहले इसको लेकर विवाद शुरू हो गया है। मुजफ्फरनगर पुलिस ने एक आदेश जारी कर राज्य की सियासत को गर्म कर दी थी। मुजफ्फरनगर पुलिस ने आदेश जारी कर निर्देश दिया था कि खाने-पीने की दुकानों पर हर दुकानदार अपना नाम लिखकर टांगेगा। पुलिस के इस आदेश के बाद दुकानदारों ने अपनी दुकानों पर नाम लिखना भी शुरू कर दिया था।


इसी बीच मुजफ्फरनगर पुलिस के इस आदेश को लेकर विवाद शुरू हो गया। विपक्ष ने इस फैसले पर सवाल उठाया और इसे वापस लेने की मांग कर दी। इसी बीच सपा चीफ अखिलेश यादव ने एक्स पर ट्वीट कर इस फैसले पर सरकार को घेरा और हाई कोर्ट से संज्ञान लेकर सख्त कार्रवाई की मांग की हालांकि अब सीएमओ की तरफ से आदेश जारी कर राज्य के सभी दुकानदारों को कांवड़ यात्रा के दौरान अपनी दुकानों पर पूरी जानकारी लिखने का आदेश जारी कर दिया है।

इस मामले को लेकर जारी विवाद के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रियों को लिए कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा है कि पूरे राज्य में कांवड़ मार्गों पर जितनी भी खाने-पीने की दुकानें हैं, उन दुकानों पर दुकानदारों को नेमप्लेट लगाना होगा और उसपर संचालक का नाम और पहचान लिखना होगा। इस दौरान हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों के खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा। सीएमओ ने कहा है कि कांवड़ यात्रियों की आस्था की सुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है।

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