राधा कृष्ण की मूर्ति चुराई तो बीमार पड़ा बेटा, चोर ने माफीनामा लिखकर लौटाई भगवान की मूर्ति


लखनऊ। देश के अलग-अलग हिस्सों से कई बार मंदिर से भगवान की मूर्ति चोरी करने का मामला प्रकाश में आता रहा है। अभी बीते 7 दिन पहले भी प्रयागराज के एक मंदिर से चोर ने भगवान की मूर्ति चुरा ली थी। गऊघाट स्थित आश्रम की मंदिर से भगवान की मूर्ति चोरी होने पर पुजारी जयराम दास ने खाना पीना छोड़ दिया था। उधर भगवान की मूर्ति चुराने वाले चोर के साथ कुछ ऐसी घटना घटी, जिससे वह एक माफी पत्र लिखकर भगवान की मूर्ति वापस कर गया।

यह है पूरा मामला

दरअसल बीते 23 सितंबर को प्रयागराज के गांव घाट स्थित आश्रम के एक मंदिर से चोर ने अष्टधातु से निर्मित भगवान श्री कृष्ण और राधा की मूर्ति चुरा ले गया था। आश्रम के संत स्वामी रामदास गिरी की शिकायत के बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ चोरी का मामला दर्ज किया था। संत की शिकायत के बाद पुलिस ने चोर को पकड़ने के लिए जांच शुरू की लेकिन उसका कोई भी सुराख नहीं मिला।

चोर के साथ घटी अजीब घटना

मूर्ति चोरी की जांच पुलिस कर ही रही थी, इसी बीच मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे राहगीरों ने बोरी में लिपटी भगवान की मूर्ति देखी। इसके बाद उन्होंने इसकी सूचना मंदिर की पुजारी को दी। जयराम दास महाराज ने राधा कृष्ण की मूर्ति का जलाभिषेक कर पुनः उसी मंदिर में स्थापित कर पूजा-पाठ प्रारंभ कर दिया। आश्चर्य की बात यह थी कि महंत को उसे बोरे में भगवान की मूर्ति के साथ एक चिट्ठी भी मिली, जिस पर चोर ने अपने साथ हुई घटना का उल्लेख किया था।




महंत को लिखे चिट्ठी में चोर ने बताया कि, मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई थी।अज्ञानतावश राधा-कृष्ण की मूर्ति गऊ घाट से चुरा ली थी। जबसे मूर्ति चुराई है तब से बुरे-बुरे सपने आ रहे हैं और मेरे बेटे की तबीयत भी बहुत खराब हो गई है। थोड़े पैसों के लिए मैंने बहुत गंदा काम किया है। मैंने मूर्ति को बेचने के लिए उसके साथ काफी छेड़छाड़ की है। अपनी गलती की माफी मांगते हुए मैं मूर्ति को रखकर जा रहा हूं। आपसे विनती करता हूं कि मेरी गलती को माफ करते हुए भगवान को फिर से मंदिर में रख दिया जाए। पहचान छिपाने के लिए मूर्ति की पालिश कराकर उसका आकार बदल दिया है। महाराज जी हमारे बाल बच्चों को क्षमा करते हुए अपनी मूर्ति स्वीकार करें।

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