VIDEO- …जब नंगे पांव विधानसभा पहुंचे जयराम महतो, माथा टेककर किया प्रणाम, पूछने पर कह दी ऐसी बात… दिल को छू जायेगी…

VIDEO- ...when Jairam Mahato reached the assembly barefoot, bowed his head and saluted, when asked he said such a thing... it will touch the heart...

Jairam Mahto In Vidhansabha : पहली बार विधायक बने जयराम महतो जब विधानसभा पहुंचे, तो उनका बहुत ही दिलचस्प अंदाज दिखा। जयराम महतो नंगे पांव ही विधानसभा में दाखिल हुए। विधानसभा के अंदर दाखिल होने से पहले प्रवेश द्वार पर उन्होंने माथा टेका और प्रणाम किया। डुमरी से विधायक चुने गये जयराम महतो ने नंगे पांव विधानसभा आने और अंदर दाखिल होने से पहले प्रणाम करने को लेकर मीडिया के पूछे सवाल को लेकर कहा, कि ये लोकतंत्र का मंदिर है। हम धार्मिक स्थल में बिना चप्पल पहले ही जाते हैं।

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झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के अध्यक्ष जयराम कुमार महतो ने कहा कि भारत आस्था का देश है। किसी की आस्था मंदिर में है, तो किसी की मस्जिद में, किसी की आस्था गिरिजाघर में है, तो किसी की गुरुद्वारा में। उन्होंने कहा कि इस देश में 70 फीसदी किसान हैं। देश के एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि एक नजर रखना खेत-खलिहान पर, एक नजर रखना लाल किला के मचान पर…लाच किला का आशय संसद और विधानसभा पर था।

 

यहां हजारों-लाखों, करोड़ों किसानों की आस्था है. हम मंदिर या मस्जिद में जूता-चप्पल खोलकर पूरी आस्था से उसमें प्रवेश करते हैं. करोड़ों लोगों का विश्वास विधानसभा से जुड़ा है। उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र का यह मंदिर किसी धार्मिक स्थल से ज्यादा महत्वपूर्ण है. आस्था के केंद्र में पहली बार दाखिल होने जा रहा हूं. लाखों लोगों की उम्मीदों को लेकर मैं विधानसभा में जा रहा हूं।

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यूं तो विधायक मंत्री विधानसभा में कुर्ता पाजामा या पेंट शर्ट व कोट पैंट में पहुंचे थे, लेकिन जयराम महतो का ड्रेस बिल्कुल ही साधारण सा था। वो टी शर्ट और एडिडास कंपनी के विंड चीटर और जींस पहनकर विधानसभा पहुंचे। उनके हाथ में लाल डायरी थी। ये पूछे जाने पर कि इस डायरी में क्या है, उन्होंने कहा कि इस डायरी में उन्होंने शपथ लिखा है, जो आज वो विधानसभा में लेंगे।

 

आपको बता दें कि पहले ही जयराम महतो ने ऐलान कर दिया है कि वो झारखंड की स्थानीय भाषा में शपथ लेंगे। रांची आने से पहले रविवार को वो धनबाद स्थिति पैतृक घर पहुंचे थे। जहां उन्होंने फिर से अपने किये वादों को दोहराया था, कि विधायक बनने के बाद जो सैलरी उन्हें मिलेगी, उसका 75 प्रतिशत हिस्सा वो दान कर देंगे। जिससे जरूरतमंदों का काम किया जायेगा।

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