VIDEO: ….तो फटर-फटर करने शिक्षा मंत्री….आखिर मंत्री पर क्यों बौखला गये विधायक जयराम महतो, बोले, मंच पर भाषण देना और सदन में ….

VIDEO: ....so why did the education minister start blabbering....after all why did MLA Jairam Mahato get angry at the minister, he said, giving speech on the stage and in the house....

Jairam Mahto : जयराम महतो इस बजट सत्र में काफी मुखर हैं। वो लगातार सदन में अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने बजट से सामान्य आय-व्यय की चर्चा के दौरान सरकार के बजट की आलोचना करते हुए कहाकि सरकार लगातार स्थानीय युवाओं की अनदेखी कर रही है। प्रवासी मजदूरों के बारे में पूरे बजट में सिर्फ एक लाइन का जिक्र किया गया है।

 

इस दौरान उन्होंने कवि मृणाल की कविता की पंक्तियों को सदन में गीत के रूप में पेश किया.. उनके बोले थे…एक नौकरी के चक्कर में देखो सिकंदर हार गया। जयराम महतो ने कहा कि सरकार ने नौकरी देने की जो बात कही है, उसमें कितने स्थानीय युवाओं को नौकरी मिली है, ये जरूर देखना चाहिये।

 

राजस्थान, बिहार, यूपी, बंगाल के युवाओं को नौकरी दी जा रही है। यूनिवर्सिटी में 33 बहाली हुई, जिसमें से 32 अन्य राज्यों के थे, सिर्फ एक युवा झारखंड का था। उन्होंने कहा कि झारखंड झारखंडियों की शहादत से बना है, लेकिन नौकरी उन्होंने गैर झारखंडी को बांट दिया।

 

वहीं एक सवाल के जवाब में जयराम महतो ने कहा कि कोयला रोकने और गाड़ी रोकने की बात भावनाओं में कही गयी बात है। गिरिडीह अभी भी गावों का जिला है, वहां से लोग अभी भी तार्किक नहीं हो सके हैं। जयराम महतो ने कहा कि जब उन्होंने कहा गाड़ी रोकने के लिए समर्थन देने की बात कही थी, कि ,..चलिये गाड़ी रोकते हैं, तो फटर-फटर करने लगे थे शिक्षा मंत्री।

 

जयराम महतो ने कहा कि सत्ताधारी लोग मंच पर बैठकर भाषण कुछ और देते हैं और सदन में बैठकर काम कुछ और करते हैं। इनकी कथनी और करनी अलग-अलग है। वहीं कोयले की बकाया राशि को लेकर जयराम महतो ने कहा कि तार्किक रुप से कहा जाये तो राजस्व पर दावा सरकार का नहीं, बल्कि व्यक्तिगत रुप से स्थानीय लोगो को बनता है।

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