8 अफसरों के खिलाफ वारंट: बीएड डिग्री मामले में बड़ा एक्शन, कोर्ट ने जारी किया अधिकारियों के खिलाफ वारंट, संपत्ति कुर्क करने का भी आदेश
पटना। बिहार में पटना की एक विशेष अदालत ने अवैध तरीके से दरभंगा के एक टीचर्स ट्रेंनिंग कॉलेज में हुए 24 वर्ष पुराने बीएड डिग्री घोटाला मामले में आज आठ आरोपितों के खिलाफ गिरफ्तारी का गैरजमानतीय वारंट जारी किया। निगरानी के विशेष न्यायाधीश मो. रुस्तम ने मामले के अभिलेख पर सुनवाई करने के बाद लगातार अनुपस्थित चल रहे आठ आरोपितों के खिलाफ गिरफ्तारी का गैरजमानतीय वारंट जारी करने का आदेश दिया।
इन आरोपियों के खिलाफ कसा शिकंजा
आरोपितों में एनसीटीई पूर्वी क्षेत्र संगठन, भुवनेश्वर के तत्कालीन क्षेत्रीय निदेशक डी. मिश्रा, रऊफ मुस्लिम जामिया बहेड़ा दरभंगा के तत्कालीन संयुक्त सचिव एस. सरवर इमाम, राजकीय महाविद्यालय तुर्की, मुजफ्फरपुर के तत्कालीन प्रधानाचार्य रामजी सिंह, एस. एम. जरीफ कॉलेज ऑफ एजुकेशन बहेड़ा, दरभंगा के तत्कालीन प्रधानाचार्य ऐन मोहम्मद, एस. एम. जरीफ कॉलेज ऑफ एजूकेशन बहेड़ा ,दरभंगा के तत्कालीन सचिव प्रबंधन मोहम्मद आफाक, रऊफ मुस्लिम जामिया बहेड़ा दरभंगा के सदस्य तंजीम सैफी, राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय समस्तीपुर की तत्कालीन व्याख्याता मीनाक्षी सिन्हा तथा रऊफ मुस्लिम जामिया बहेड़ा, दरभंगा के तत्कालीन कोषाध्यक्ष मोहम्मद तफसील कैफी शामिल हैं।
1999 का है पूरा मामला
शैक्षणिक भ्रष्टाचार का ये मामला 1999 का है। अदालत ने अदालत सोमवार को आरोपियों की संपत्ति की कुर्की-जब्ती का भी आदेश दिया है। निगरानी विभाग ने यह मामला तत्कालीन मानव संसाधन मंत्री जीतनराम मांझी समेत 32 लोगों के खिलाफ तीन अगस्त 1999 को दर्ज किया था। जांच के बाद 10 लोगों के खिलाफ आठ अगस्त 2007 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। निगरानी ने अपने जांच में पाया कि आरोपियों ने 1995 से 1997 के बीच विभिन्न महाविद्यालयों को बीएड की पढ़ाई की मान्यता दिलाकर राज्य व राज्य के बाहर के करीब 500 छात्रों से डोनेशन लेकर डिग्री दिलायी थी। वर्तमान में आठ आरोपियों की उपस्थिति के लिए यह मामला लंबित है।