….अच्छा तो इसलिए रिम्स के डायरेक्टर को हटा दिया गया, बाबूलाल मरांडी ने खोली पोल, कहा, भ्रष्टाचार का करते थे विरोध, अनुचित भुगतान का आदेश….
....So that is why the RIMS director was removed, Babulal Marandi exposed the truth, said, he used to oppose corruption, ordered improper payment....

रांची। रिम्स डायरेक्टर डॉ राजकुमार की बर्खास्तगी पर सियासी फसाद शुरू हो गया है। एक ओर जहां टर्मिनेशन लेटर में डॉ राजकुमार पर लो परफार्मेंस, लापरवाही और अनुशासनहीनता का आरोप लगाया गया है, तो वहीं दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस मामले को करप्शन कनेक्शन बताया है। बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर स्वास्थ्य मंत्री व अफसरों को आड़े हाथों लिया है।
बाबूलाल मरांडी ने ये भी दावा किया है कि बैठक में ही डॉ राजकुमार को इस्तीफा देने को कह दिया गया था। ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि डॉ राजकुमार रिम्स में भ्रष्टाचार का विरोध करते थे और अनुचित आदेश को नहीं मानते थे। उन्होंने डा राजकुमार को रिम्स निदेशक के पद से हटाने को दुर्भाग्यजनक बताया है।
बाबूलाल मरांडा ने कहा हैकि विगत दिनों हुई रिम्स शासी परिषद की बैठक में स्वास्थ्य मंत्री और विभागीय अधिकारियों के भ्रष्टाचार का विरोध करने तथा अनुचित भुगतान के आदेश को न मानने के कारण डॉ. राजकुमार जी को रिम्स निदेशक पद से हटाया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
जानकारी मिली है कि शासी परिषद की हालिया बैठक में निजी डायग्नोस्टिक केंद्रों को बिना किसी अनुबंध के करोड़ों रुपये का भुगतान करने का दबाव स्वयं स्वास्थ्य मंत्री और विभागीय सचिव द्वारा रिम्स निदेशक पर डाला जा रहा था। इस दौरान विभागीय सचिव ने शासी परिषद की गरिमा को भी ठेस पहुंचाने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि अनुचित भुगतान का दवाब नहीं मानने के साथ ही निदेशक ने उस बैठक में अपने इस्तीफ़ा तक दे देने की बात कह दी थी। अब सरकार ने रिम्स निदेशक को पद से हटाकर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है कि रिम्स में भ्रष्टाचार का खेल यूं ही चलता रहेगा। इससे पहले के हेमंत सोरेन के पिछले कार्यकाल में भी अनुचित दवाब नहीं मानने के चलते रिम्स के कई निदेशकों को समय पूर्व इस्तीफ़ा देकर यहाँ से जाना पड़ा।
यदि सरकार को गवर्निंग बॉडी की सलाह नहीं माननी, तो फिर औपचारिकता की बैठक करने से बेहतर इसे भंग कर देना ही उचित होगा। अत्यंत दुखद है कि हेमंत सोरेन ने राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स को अपने संगठित भ्रष्टाचार का केन्द्र बना दिया है।